'रोज थाने में पूछता था- मेरी पत्नी मिली क्या?...' खुद मर्डर कर भट्ठी में जलाकर फूंक डाला था शव

पुणे के वारजे क्षेत्र में पति ने पत्नी पर अवैध संबंधों के शक में गला दबाकर हत्या कर दी. शव को जला दिया और फिर खुद गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करा दी. पुलिस जांच में उसके झूठ की परतें खुलीं और पूरी साजिश बेनकाब हो गई.

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'रोज पूछता था- मेरी पत्नी मिली क्या?',खुद किया था मर्डर (Photo: ITG) 'रोज पूछता था- मेरी पत्नी मिली क्या?',खुद किया था मर्डर (Photo: ITG)

aajtak.in

  • पुणे,
  • 10 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 12:20 PM IST

महाराष्ट्र में पुणे के वारजे क्षेत्र में एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जहां पति ने पत्नी के कथित अवैध संबंधों के शक में उसकी हत्या कर दी और शव के सबूत मिटा दिए. पुलिस को गुमराह करने के लिए खुद ही पत्नी की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई. लेकिन पुलिस की बारीक और लगातार चलती जांच में पूरा षड्यंत्र बेनकाब हो गया. मृतका की पहचान अंजली समीर जाधव के रूप में हुई है. पुलिस ने 42 साल के उसके पति समीर पंजाबराव जाधव को गिरफ्तार कर लिया है.

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थाने में खुद दी गुमशुदगी की रिपोर्ट

मामला 28 अक्टूबर से शुरू होता है, जब समीर वारजे पुलिस थाने में पहुंचा और पत्नी के अचानक लापता होने की शिकायत दर्ज कराई. जांच की जिम्मेदारी पुलिस उपनिरीक्षक नितीन गायकवाड़ को सौंपी गई. समीर ने बताया कि अंजली आखिरी बार श्रीराम मिसळ हाऊस, गोगलवाड़ी फाटा, शिंदेवाड़ी के आसपास देखी गई थी. मामला राजगढ़ पुलिस थाने में ट्रांसफर करने की प्रक्रिया शुरू हुई, लेकिन इस दौरान समीर का व्यवहार पुलिस की नजर में संदिग्ध लगने लगा.

'रोज आकर पूछता था- मेरी पत्नी मिली क्या?'

शिकायत के बाद मीर बार-बार पुलिस स्टेशन पहुंचकर पूछता रहता था- 'मेरी पत्नी मिली क्या?' उसकी कुछ नकली सी ये बेचैनी पुलिस अधिकारियों के लिए किसी चेतावनी संकेत से कम नहीं थी. इसीलिए पुलिस ने बताए गए स्थानों की CCTV फुटेज खंगाली, लेकिन अंजली का कोई अता-पता वहां नहीं मिला.

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मोबाइल चैट्स देखकर रोज का झगड़ा

जब समीर के बयान बार-बार बदलने लगे, तब पुलिस ने उससे कड़ाई से पूछताछ की. दबाव बढ़ते ही वह टूट गया और पूरी साजिश का खुलासा कर दिया. पूछताछ में समीर ने स्वीकार किया कि उसे पत्नी पर सतेज पाटील नाम के युवक के साथ संबंध होने का शक था.

मोबाइल चैट्स देखकर उनका रोजाना झगड़ा होता था. इस वजह से उसने करीब एक माह पहले ही हत्या की योजना तैयार कर ली थी. आरोपी फ्रैब्रिकेशन का काम करता था. उसने गोडाउन में एक लोहे की भट्टी बनाई थी. 
 

महीने भर से जुटा रखा था भट्ठी, लकड़ी और पेट्रोल

समीर ने गोगलवाड़ी इलाके में 18 हजार रुपए महीने किराये पर एक गोदाम लिया था. वहां उसने लोहे की भट्ठी, लकड़ी और पेट्रोल पहले से जमा कर रखा था. 26 अक्टूबर को समीर ने अंजली को कार से ड्राइव पर चलने को कहकर घर से बाहर निकाला. दोनों खेडशिवापूर के मरीआई घाट तक गए. लौटते समय ब्राउनस्टोन होटल में रुककर दोनों ने स्नैक्स लिया और फिर सीधे गोदाम पहुंचे. वहां बैठते ही उसने अचानक अंजली का गला दोनों हाथों से दबा दिया. लगभग दस मिनट में अंजली की मौत हो गई. इसके बाद उसने शव को लोहे की भट्ठी में डालकर पेट्रोल डालकर आग लगा दी. जली हुई राख नदी में फेंक दी और लोहे का भट्ठी को स्क्रैप में बेच दिया.

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गिरफ्तारी के बाद मालूम हुआ कि समीर ने हत्या से पहले तीन से चार बार मर्डर मिस्ट्री फिल्म 'दृश्यम' देखी थी

सामने आया खौफनाक अपराध

वारजे पुलिस ने समीर के खिलाफ IPC की धारा 302 (हत्या), 201 (सबूत नष्ट करना) सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज किया है. आगे की विस्तृत जांच राजगढ़ पुलिस स्टेशन को सौंपी गई है. यह कार्रवाई उप पुलिस आयुक्त संभाजी कदम, सहायक आयुक्त भाऊसाहेब पटारे और वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक विश्वजीत 'काईंगडे के मार्गदर्शन में की गई. उपनिरीक्षक संजय नरळे, नितीन गायकवाड़ और स्टाफ के गणेश कर्चे, सुनील मुते, योगेश वाघ, शरद पोटे और शिरीष गावडे ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. पुलिस की पैनी नजर और तकनीकी जांच ने पति द्वारा रचा गया 'पत्नी लापता' का झूठा नाटक पूरी तरह खोलकर रख दिया और एक खौफनाक अपराध का राज सामने आया.

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