रक्षाबंधन एक ऐसा त्योहार है, जब बहन अपने भाई के हाथ पर राखी बांधकर उसकी लंबी उम्र की दुआ मांगती है. यह त्योहार बहन और भाई के पवित्र रिश्ते को जोड़ता है. पुणे के पुरंदर तालुका के सटलवाड़ी गांव में भाई बहन के अटूट प्यार की मिसाल देखने को मिल रही है. यहां एक बहन अपने भाई को 100 साल से राखी बांध रही है.
पुरंदर तालुका की अनुसया ज्ञानोबा गायकवाड़ की उम्र 104 साल है. उनके भाई गजानन गणपत कदम 102 साल के हैं. इन भाइयों और बहनों ने अपनी 100वीं राखी मनाई.
हर साल अपने मायके आती हैं अनुसया
अनुसया दादी की उम्र 100 साल से अधिक है, फिर भी वे हर बार रक्षाबंधन पर अपने मायके आती हैं. वे अपने 102 साल के भाई को राखी बांधती हैं. दोनों मिलकर रक्षाबंधन का त्योहार बड़े उत्साह के साथ मनाते हैं. अनुसया दादी दौंड तालुका के कसूरडी गांव की रहने वाली हैं, लेकिन इस उम्र में भी वह अपने भाई को राखी बांधने आती हैं. राखी पूर्णिमा का त्यौहार उन्होंने अब तक 100 से ज्यादा साल तक मनाया.
काफी बड़ा है परिवार
अनुसया की 9 बेटियां 2 बेटे हैं. उनका पूरा परिवार बहुत ही बड़ा है. उनके 37 पोते, 45 परपोते हैं. गजानन के 2 बेटे और 6 लड़कियां, 22 पोते और 28 परपोते हैं. राखी पूर्णिमा के अवसर पर सभी परिवार एक साथ मिले. कोरोना संकट के बावजूद परिवार के सभी सदस्य एक साथ शादी में शामिल हुए थे.
अनुसया का 75 साल के बेटे गुलाबराव गायकवाड़ आज भी अपने मामा के गांव आते हैं. हालांकि, परिवार की भागीदारी बड़ी है, लेकिन प्यार का बंधन कम नहीं हुआ है. ये सभी दिवाली का त्योहार भी एकसाथ मनाते हैं और अपने सुख-दुख साझा करते हैं. इसके मुताबिक अनुसया आज भी अपने भाई की सेहत पर पूरा ध्यान देती हैं.
वसंत मोरे