पुणे में डिफेंस एस्टैब्लिशमेंट में तैनात भारतीय सेना के कर्नल साइबर ठगी का शिकार हो गए. फर्जी ट्रैफिक चालान के नाम पर भेजे गए एक नकली सरकारी लिंक ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय फ्रॉड में फंसा दिया. इस ठगी में उनके क्रेडिट कार्ड से 3.81 लाख रुपये की अवैध निकासी हो गई. मामले का खुलासा तब हुआ जब कर्नल ने पुणे के चतुष्श्रृंगी पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई.
पुलिस के अनुसार, यह घटना सोमवार देर रात शुरू हुई, जब कर्नल को एक संदिग्ध मैसेज मिला. मैसेज में उनके वाहन पर ट्रैफिक उल्लंघन का जुर्माना बकाया होने की बात कही गई थी. व्यस्तता के कारण उन्होंने मैसेज तुरंत नहीं खोला और अगले दिन सुबह उस लिंक पर क्लिक किया.
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नकली सरकारी पेज देखकर हुआ भरोसा
मैसेज में दिया गया लिंक एक ऐसे वेबपेज पर ले गया, जो देखने में पूरी तरह सरकारी भुगतान पोर्टल जैसा लग रहा था. उस पेज पर 590 रुपये का ट्रैफिक चालान दिखाया गया था. पेज की बनावट और भाषा से कर्नल को यह असली सरकारी वेबसाइट लगी.
भरोसा होने पर कर्नल ने भुगतान की प्रक्रिया शुरू की और अपने क्रेडिट कार्ड की जानकारी भर दी. उन्होंने ओटीपी डालकर पेमेंट कन्फर्म किया. लेकिन कुछ ही पलों में उनके क्रेडिट कार्ड से 32 हजार 939 हॉन्गकॉन्ग डॉलर की राशि कट गई, जो सीधे हॉन्गकॉन्ग के एक होटल के खाते में ट्रांसफर हो गई.
ठगी का एहसास होते ही पुलिस से संपर्क
बड़ी रकम कटते ही कर्नल को ठगी का अहसास हुआ. उन्होंने तुरंत पुलिस से संपर्क किया और पूरे मामले की जानकारी दी. शिकायत के आधार पर पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है. साइबर क्राइम से जुड़ी टीमें अब इस अंतरराष्ट्रीय लेनदेन की जांच कर रही हैं और यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि फ्रॉड किसने और कहां से अंजाम दिया.
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह ठगी उसी पैटर्न पर की गई है, जैसा फर्जी गैस बिल, बिजली बिल और अन्य सरकारी भुगतान से जुड़े फ्रॉड में देखा गया है.
नकली मैसेज से फैल रहा साइबर जाल
पुलिस के मुताबिक, साइबर अपराधी खुद को सरकारी एजेंसियों का प्रतिनिधि बताकर एसएमएस, ईमेल या मैसेजिंग ऐप के जरिए लोगों को डराने वाले मैसेज भेजते हैं. इनमें बकाया जुर्माने या बिल का हवाला दिया जाता है. इसके बाद लोगों को नकली वेबसाइट पर भेजा जाता है, जहां उनकी कार्ड डिटेल और ओटीपी हासिल कर लिए जाते हैं.
प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने की अपील की है. अधिकारियों का कहना है कि किसी भी ट्रैफिक चालान या सरकारी बिल का भुगतान केवल आधिकारिक सरकारी वेबसाइट या ऐप के जरिए ही करें. अनजान या संदिग्ध लिंक पर क्लिक कर भुगतान करना भारी नुकसान का कारण बन सकता है.
ओमकार