मुंबई में केएलएम एयरलाइंस पर पांच पैसेंजर्स ने गंभीर आरोप लगाए हैं. इन पैसेंजर्स ने फ्लाइट पर चढ़ने से रोकने का दावा किया है. यात्रियों का कहना है कि एयरलाइंस कंपनी ने कोई ठोस वजह भी नहीं बताई है. मामला 11 फरवरी का है. अब एयरलाइंस कंपनी की तरफ से सफाई दी गई है.
जानकारी के मुताबिक, जितेश घाडगे, प्रिया विश्वास, सनी गेहानी और उसके दो कर्मचारी केएलएम एयरलाइंस की फ्लाइट से मुंबई से वेस्टइंडीज में स्थित सेंट किट्स और नेविस जा रहे थे. लेकिन केएलएम एयरलाइंस के कर्मचारियों ने इन 5 यात्रियों को फ्लाइट पर चढ़ने से रोक लिया और मैरिज सर्टिफिकेट, बर्थ सर्टिफिकेट जैसे कागजात मांगने लगे. यात्रियों के मुताबिक जबकि इन कागजात को मांगने की जरूरत नहीं थी. क्योंकि जहां वो जाना चाह रहे थे, वहां की सारी प्रक्रिया उन्होंने पूरी की थी. इसके साथ ही जो जरूरी कागजात थे, वो भी दिखा दिए गए थे.
'फ्लाइट में चढ़ने से रोका गया'
यात्रियों का कहना है कि सभी कागजात दिखाने के बावजूद हम लोगों को 22 फरवरी को दोबारा आकर फ्लाइट पकड़ने के लिए कहा गया. उसके बाद जब ये पांच पैसेंजर्स 22 फरवरी को एयरपोर्ट पहुंचे, तब भी फ्लाइट में सवार नहीं होने से रोका गया. हालांकि, कुछ देर बाद यात्रियों को फ्लाइट पकड़ने की इजाजत दे दी गई.
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'एयरलाइंस कंपनी ने बताया कारण, जताया खेद'
यात्रियों ने एयरलाइन पर भेदभाव का आरोप लगाया. उन्होंने सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग की है. वहीं, एयरलाइंस के कम्युनिकेशन डिपार्टमेंट की तरफ से भी प्रतिक्रिया आई है. एयरलाइंस कंपनी का कहना है कि KLM उन देशों के लिए अधिकारियों द्वारा निर्धारित ट्रांजिट और डेस्टिनेशन पर लागू शर्तों और रेगुलेटरी रिक्वायरमेंट के अनुपालन में एक सहज और सुखद अनुभव सुनिश्चित कराने के लिए प्रतिबद्ध है. ऊपर बताई गई अनिवार्य जरूरतों को पूरा नहीं करने के कारण कुछ यात्री मुंबई- सेंट किट्स से हमारे साथ उड़ान नहीं भर सके. इन जरूरतों को पूरा करने पर उन्हें 22 फरवरी, 2024 को बोर्ड में स्वीकार कर लिया गया. हमें उन्हें हुई असुविधा के लिए खेद है. हम समझते हैं कि यह स्थिति निराशाजनक होगी. हालांकि, एक एयरलाइन के रूप में हमें अधिकारियों द्वारा निर्धारित रेगुलेटरी रिक्वायरमेंट का पालन करना जरूरी होता है.
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दीपेश त्रिपाठी