वसूली केस में परमबीर सिंह के सह-आरोपियों ने जमानत के लिए खटखटाया कोर्ट का दरवाजा

वकील अनिकेत निकम ने नंद कुमार गोपाल और आशा कोर्के की ओर से जमानत याचिका डाली है. इस पर 29 नवंबर को सुनवाई होगी. याचिका में दावा किया गया है कि मरीन ड्राइव पुलिस स्टेशन में दर्ज इस मामले में शिकायत कर्ता के आरोपों की पुष्टि के लिए कोई सबूत नहीं दिया गया. इस केस को बाद में महाराष्ट्र सीआईडी को ट्रांसफर कर दिया गया था.

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फाइल फोटो फाइल फोटो

विद्या

  • मुंबई,
  • 27 नवंबर 2021,
  • अपडेटेड 8:00 AM IST
  • नंद कुमार गोपाले और आशा कोर्के ने की जमानत की मांग
  • 'इस केस में गलत तरीके से फंसाया गया है'

वसूली के मामले में मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह के साथ आरोपी पुलिस इंस्पेक्टर नंद कुमार गोपाल और आशा कोर्के ने जमानत के लिए मुंबई सेशन कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. नंद कुमार गोपाले और आशा कोर्के को वसूली केस में महाराष्ट्र सीआईडी ने गिरफ्तार किया है. 

वकील अनिकेत निकम ने नंद कुमार गोपाल और आशा कोर्के की ओर से जमानत याचिका डाली है. इस पर 29 नवंबर को सुनवाई होगी. याचिका में दावा किया गया है कि मरीन ड्राइव पुलिस स्टेशन में दर्ज इस मामले में शिकायतकर्ता के आरोपों की पुष्टि के लिए कोई सबूत नहीं दिया गया. इस केस को बाद में महाराष्ट्र सीआईडी को ट्रांसफर कर दिया गया था. 

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अधिकारियों को झूठा फंसाया गया- याचिकाकर्ता

याचिका में कहा गया है कि एफआईआर काफी देर में दर्ज की गई. गोपाल और कोर्के दोनों का अच्छा करियर है. दोनों ही पुलिस अधिकारी हैं और उन्हें इस केस में झूठा फंसाया गया है. गोपाल खंडाला में पुलिस ट्रेनिंग में तैनात हैं, जबकि कोर्के लोकल आर्म्स डिवीजन में. दोनों को 8 नवंबर को गिरफ्तार किया गया था. इससे पहले 22 नवंबर को मजिस्ट्रेट कोर्ट ने दोनों की जमानत याचिका रद्द कर दी थी. 16 नवंबर को कोर्ट ने दोनों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया था. 

कारोबारी श्यामसुंदर अग्रवाल की शिकायत के आधार पर वसूली के मामले में गोपाल और कोर्के को गिरफ्तार किया गया था. आरोप है कि कोर्के और गोपाल ने श्यामसुंदर अग्रवाल के भतीजे श्याम सुंदर से मुलाकात की थी. और उससे श्यामसुंदर को गिरफ्तारी से बचाने के लिए रिश्वत मांगी थी. 

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