महाराष्ट्र के पालघर में एक 11 साल के स्कूली लड़के ने हिम्मत दिखाई और अपने दोस्त की मदद से खतरनाक तेंदुए से पत्थर मारकर व शोर मचाकर मुकाबला किया. जिससे तेंदुए को भागना पड़ा. इस बात की जानकारी एक अधिकारी ने एक न्यूज एजेंसी को दी.
बैग बना बच्चे के लिए सुरक्षा कवच
अधिकारी के मुताबिक अगर मयंक कुवारा अपना स्कूल बैग लेकर नहीं घूम रहा होता तो उसकी जान जा सकती थी. शुक्रवार शाम को माला पद्वीपाड़ा इलाके के पास तेंदुए ने बच्चे पर हमला कर दिया. इस दौरान बच्चे ने बैग को अपना सुरक्षा कवच बना लिया.
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अधिकारियों ने कहा "एक तेंदुए ने 5वीं क्लास के स्टूडेंट कुवारा पर तब हमला किया जब वह स्कूल से लौट रहा था. उसने और एक दूसरे लड़के ने बहादुरी से चिल्लाकर व पत्थर मारकर उसका मुकाबला किया."
शोर और बच्चों के तुरंत रिएक्शन से लोग अलर्ट हो गए और मौके पर दौड़े, जिससे तेंदुआ वापस जंगल में भाग गया. कुवारा के हाथ में पंजे में चोट लगी है और उसका अभी विक्रमगढ़ रूरल हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है. एक मेडिकल ऑफिसर ने कहा कि लड़के को चोट पर टांके लगे हैं. कंचड़ के रेजिडेंट फॉरेस्ट ऑफिसर, स्वप्निल मोहिते ने बताया कि फॉरेस्ट अधिकारी तुरंत मौके पर पहुंचे और बाद में हॉस्पिटल ले गए जहां लड़के को ले जाया गया.
मूवमेंट ट्रैक करने के लिए कैमरा लगा रहा वन विभाग
फॉरेस्ट डिपार्टमेंट इस घटना को गंभीरता से ले रहा है और बचाव के कई उपाय कर रहा है. फॉरेस्ट डिपार्टमेंट ने तेंदुओं की ज़्यादा संभावना वाले इलाकों के स्कूलों को शाम 4 बजे तक बंद करने की रिक्वेस्ट की है. मोहिते ने कहा कि बड़ी बिल्ली की मूवमेंट को ट्रैक करने के लिए एक AI वाला कैमरा लगाया जा रहा है, जबकि गांवों को पारंपरिक "दावंडी" (पब्लिक अनाउंसमेंट) के ज़रिए अलर्ट किया जा रहा है.
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