सरकारी राइफल और बारूद चोरी केस में ट्विस्ट, नौसेना कर्मी के बैच का अग्निवीर निकला आरोपी

मुंबई में नौसेना क्षेत्र में एक शख्स ने वर्दी पहनकर खुद को नौसैनिक बताकर संतरी को रिलीव किया और राइफल व गोलाबारूद लेकर भाई संग फरार हो गया था. दोनों तेलंगाना के निवासी हैं और गिरफ्तार हो चुके हैं. मालूम हुआ है कि आरोपी और शिकायतकर्ता एक ही बैच के हैं.

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अग्निवीर निकला नेवी नगर में राइफल चुराने वाला आरोपी (Photo: ai image) अग्निवीर निकला नेवी नगर में राइफल चुराने वाला आरोपी (Photo: ai image)

aajtak.in

  • मुंबई,
  • 12 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 9:10 AM IST

हाल में महाराष्ट्र के मुंबई से सरकारी राइफल और गोला बारूद की लूट का का मामला सामने आया था. यहां दक्षिण मुंबई के नौसेना क्षेत्र में पहुंचे एक शख्स ने खुद नौसेना कर्मी बताकर जूनियर नाविक को संतरी पोस्ट से रिलीव कर दिया. इसके बाद वह एक राइफल और गोलाबारूद लेकर फरार हो गया था.  मामले में  22 वर्षीय अग्निवीर राकेश दुब्बुला और उसके भाई को पुलिस ने पकड़ा गया तो पता चला है कि राकेश और शिकायतकर्ता एक ही बैच से हैं. दोनों को 2023 में रिक्रूट किया गया था. एक अधिकारी ने गुरुवार को ये जानकारी दी है.

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अधिकारी ने कहा, 'मामले में नए तथ्य सामने आने के बाद, अपराध शाखा शिकायतकर्ता से भी पूछताछ कर सकती है. इस बीच, मामले में शस्त्र अधिनियम की धाराएं भी जोड़ दी गई हैं.' अधिकारी ने बताया कि पुलिस को पता चला है कि दुब्बुला केरल के कोच्चि से मुंबई आया था. उन्होंने बताया कि दोनों आरोपियों ने 6 सितंबर को अपराध को अंजाम दिया था.

उन्होंने कहा, 'राइफल और मैगज़ीन लेने के बाद, आरोपी सीएसएमटी गए, जहां से वे कल्याण, पुणे, वाडी जंक्शन और सिकंदराबाद गए. चूँकि आरोपी तेलंगाना के आसिफाबाद के रहने वाले हैं, इसलिए यह पता लगाने के लिए जांच चल रही है कि क्या उनका नक्सलियों से कोई संबंध है.'

अधिकारी ने बताया कि पुलिस अभी तक अपराध के पीछे के मकसद का पता नहीं लगा पाई है. नौसेना में अग्निवीर (नाविक) 22 साल के राकेश रमेश दुब्बुला और उसके 25 साल के भाई उमेश रमेश दुब्बुला को तेलंगाना से गिरफ्तार किया गया है.

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क्राइम ब्रांच के अनुसार, 6 सितंबर को, नौसेना की वर्दी पहने, राकेश दुब्बुला नेवी नगर के एक रिहायशी इलाके में संतरी ड्यूटी पर तैनात एक जूनियर नाविक के पास पहुंचा और उसे रिलीव का नाटक किया.

बेखबर नाविक ने अपनी राइफल और गोला-बारूद राकेश दुब्बुला को दे दी और चला गया. इसके बाद राकेश ने हथियार और दो मैगज़ीन, जिनमें से प्रत्येक में 20 ज़िंदा कारतूस थे को एक बैग में डालकर दीवार के दूसरी तरफ फेंक दिया, जहां उसका भाई उमेश खड़ा था.

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