मुंबई रेलवे पुलिस ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है. यात्रियों से यात्रा के दौरान चोरी हुए 1 हजार 18 मोबाइल फोन को बरामद कर उनके वास्तविक मालिकों को सौंप दिया गया. इनकी कुल कीमत ₹1 करोड़ 80 लाख 33 हजार 668 है. बुधवार को मुंबई रेलवे पुलिस मुख्यालय, घाटकोपर स्थित नवरंग ऑडिटोरियम में इन मोबाइलों का औपचारिक हैंडओवर समारोह आयोजित किया गया.
मुंबई रेलवे पुलिस के आयुक्त एम. राकेश कलासागर ने 18 मई 2025 को पद संभालने के बाद रेलवे पुलिस आयुक्तालय के बड़े जुरिस्डिक्शन, दैनिक भारी फुटफॉल और बढ़ते अपराधों की समीक्षा की. उन्होंने पाया कि मोबाइल चोरी और लूट के मामलों में तेजी आई है. इसके बाद उन्होंने इन अपराधों पर रोक लगाने और चोरी हुए मोबाइल की अधिकतम रिकवरी के लिए विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए.
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पहला विशेष अभियान- जून से जुलाई 2025
आयुक्त के निर्देश पर जून और जुलाई 2025 के बीच पहला विशेष अभियान चलाया गया. इस दौरान पुलिस टीमों ने गहन जांच कर 684 मोबाइल फोन बरामद किए, जिनकी कीमत ₹1 करोड़ 11 लाख 39 हजार 626 थी. सभी मोबाइल सम्मानपूर्वक शिकायतकर्ताओं को लौटा दिए गए.
दुसरा चरण- सितंबर से नवंबर 2025
पहले फेज की सफलता के बाद दूसरा बड़ा अभियान सितंबर से नवंबर 2025 के बीच चलाया गया. इस फेज में 2023, 2024 और 2025 के दौरान दर्ज मोबाइल चोरी के अधिकतम मामलों को सुलझाने और मोबाइल खोजने पर फोकस किया गया. इसके लिए कुल 57 टीमें बनाई गईं, जिनमें 28 टीमें सेंट्रल जोन मुंबई रेलवे और 29 टीमें वेस्टर्न जोन मुंबई रेलवे से थीं.
17 राज्यों में चलाया गया सर्च ऑपरेशन
टीमों ने दमदार प्रयास करते हुए 17 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों तक जाकर जांच की. दमन और दीव सहित इन राज्यों में की गई तकनीकी जांच और कड़ी मेहनत का परिणाम यह हुआ कि कुल 1 हजार 18 चोरी हुए मोबाइल फोन सफलतापूर्वक बरामद कर लिए गए.
समारोह में लौटाई गई संपत्ति
आयुक्त के विजन के अनुसार आज आयोजित समारोह में सभी मोबाइल उनके मालिकों को सौंप दिए गए. इस पूरी कार्रवाई का नेतृत्व रेलवे पुलिस आयुक्त एम. राकेश कलासागर ने किया, जबकि डीसीपी प्रज्ञा जेड़गे (सेंट्रल जोन) और सुनीता सनलुखे-ठाकरे (वेस्टर्न जोन) ने इसे सफलतापूर्वक लागू कराया.
रिकवरी का पूरा विवरण
बरामद मोबाइलों में मुंबई शहर से 444, महाराष्ट्र के अन्य जिलों से 216 और अन्य राज्यों से 358 मोबाइल शामिल थे. कुल 1 हजार 18 मोबाइल फोन, जिनकी कुल कीमत ₹1 करोड़ 80 लाख 33 हजार 668 थी. जिसे आज अपने वास्तविक मालिकों को वापस सौंप दिए गए.
दीपेश त्रिपाठी