मराठा आरक्षण आंदोलन: सड़कें जाम...BSE ऑफिस में घुसने की कोशिश, मुंबई में चौथे दिन भी अनशन जारी

मराठा आरक्षण की मांग को लेकर मुंबई में आंदोलन अपने चरम पर है. नेता मनोज जरांगे पाटिल आजाद मैदान में चौथे दिन भी भूख हड़ताल पर डटे हुए हैं और अब उन्होंने पानी पीना भी बंद कर दिया है. प्रदर्शनकारियों के कारण शहर की यातायात व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है.

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आंदोलन के कारण मुंबई की यातायात व्यवस्था में बाधा आई है (File Photo: PTI) आंदोलन के कारण मुंबई की यातायात व्यवस्था में बाधा आई है (File Photo: PTI)

ऋत्विक भालेकर

  • मुंबई,
  • 01 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 3:55 PM IST

मराठा आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलनकारी नेता मनोज जरांगे पाटिल आजाद मैदान में चौथे दिन भी अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर डटे हुए हैं. उन्होंने सोमवार से पानी पीना भी बंद करने की घोषणा कर दी है. आंदोलन के कारण दक्षिण मुंबई में भारी भीड़ और सड़क बंद होने से ट्रैफिक व्यवस्था को चरमरा गई है. प्रदर्शनकारी सड़कों पर खड़े ट्रकों और डिवाइडरों पर रह रहे हैं. वहीं, मुंबई पुलिस ने कानून-व्यवस्था को बनाए रखने के लिए 1500 से ज्यादा जवानों को तैनात किया है.

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दरअसल, इस आंदोलन को हर दिन पुलिस से अनुमति का विस्तार मिल रहा है और बीते दिन शाम को आज के लिए अनुमति दी गई थी. प्रदर्शनकारी नेताओं ने बताया कि कल के लिए अनुमति के लिए आज शाम तक आवेदन जमा किया जाएगा. जरांगे पाटिल ने साफ कर दिया है कि जब तक मराठा समुदाय को ओबीसी श्रेणी के तहत आरक्षण नहीं मिलता, वे पीछे नहीं हटेंगे.

सड़कों पर हटे प्रदर्शनकारी 

प्रदर्शनकारी दक्षिण मुंबई की सड़कों पर खड़े ट्रकों में रह रहे हैं. सड़कों के डिवाइडर उनके लिए खाना खाने की जगह बन गए हैं और बारिश ना होने पर उनकी सोने की जगह यही डिवाइडर हैं. स्थिति की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने पास के क्रॉस मैदान को प्रदर्शनकारियों के लिए खोल दिया है, ताकि प्रदर्शनकारी वहां जा सकें.

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BSE ऑफिस के बाहर प्रदर्शन

आंदोलन के दौरान मराठा प्रदर्शनकारियों ने बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) के सामने एक इमारत में घुसने की कोशिश की, लेकिन सुरक्षा गार्डों ने उन्हें रोक दिया. इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने क्षेत्र में 'एक मराठा, लाख मराठा' नारेबाजी शुरू कर दी.

प्रदर्शनकारियों ने कहा,'हम स्टेक होल्डर्स हैं... हमें बीएसई कार्यालय देखने का पूरा अधिकार है... हमारा पैसा यहां डूबा है...हमारा आंदोलन किसी भी चीज को प्रभावित कर सकता है, इसलिए हम बाजार की स्थिति जांचने आए हैं.' इस घटना ने आंदोलन की तीव्रता को और उजागर किया.

सड़कों पर भीषण जाम

आंदोलन के कारण मुंबई की यातायात व्यवस्था पर गहरा असर पड़ा है. सायन-पनवेल हाइवे पर सोमवार सुबह से ही जाम की स्थिति देखी गई. शनिवार और रविवार को छुट्टियों के बावजूद यातायात प्रभावित रहा, लेकिन सोमवार को वर्किंग डे होने के कारण स्थिति और गंभीर हो गई. सीएसएमटी, नरीमन पॉइंट, फोर्ट और मरीन लाइन्स जैसे क्षेत्रों में भारी भीड़ और सड़क बंद होने से यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. बीईएसटी बस सेवाएं भी प्रभावित हुई हैं और कई बसें घंटों जाम में फंसी रहीं.

मुंबई ट्रैफिक पुलिस ने एक एडवाइजरी जारी कर लोगों से वैकल्पिक मार्गों का इस्तेमाल करने और सीएसएमटी क्षेत्र से बचने की अपील की है. सेंट्रल रेलवे ने भी यात्रियों को सुझाव दिया है कि वे यात्रा के लिए अतिरिक्त समय रखें या संभव हो तो घर से काम करें.

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जल संसाधन मंत्री ने की सीएम से मुलाकात

प्राप्त जानकारी के अनुसार, महाराष्ट्र के जल संसाधन मंत्री और मराठा समुदाय से आने वाले राधाकृष्ण विखे पाटिल (जो मराठा आरक्षण पर कैबिनेट उप-समिति के अध्यक्ष हैं) ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात कर जरांगे पाटिल की मांगों पर चर्चा की.

विखे ने जोर देकर कहा कि कोई भी फैसला कानूनी रूप से मजबूत होना चाहिए और अदालत की कसौटी पर खरा उतरना चाहिए. उप-समिति जल्द ही जरांगे पाटिल के लिए एक मसौदा प्रस्ताव तैयार करेगी, जिसमें कानूनी पहलुओं पर विचार किया जाएगा.

विखे पाटिल ने प्रदर्शनकारियों से आंदोलन को आजाद मैदान तक सीमित रखने की अपील की और चेतावनी दी कि सड़कों पर अवरोध पैदा करने से मराठा समुदाय की छवि को नुकसान हो सकता है.

उन्होंने कहा कि मराठा समुदाय के पिछले आंदोलन शांतिपूर्ण रहे हैं और वैश्विक स्तर पर उनकी सराहना हुई है, लेकिन दैनिक जीवन को बाधित करने से बचना चाहिए.

मुंबई में सुरक्षा के कड़े इंतजाम

मुंबई पुलिस ने कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए 1,500 से अधिक कर्मियों को तैनात किया है और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) की टीमें भी मौके पर मौजूद हैं. पुलिस ने लोगों से वैकल्पिक मार्गों का इस्तेमाल करने की अपील की है, लेकिन प्रदर्शनकारियों की भारी संख्या के कारण शहर का ट्रैफिक व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है.

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