मराठा आरक्षण: हजारों समर्थकों के साथ मुंबई की ओर बढ़ रहे मनोज जारांगे, आजाद मैदान में धरने की नहीं मिली इजाजत

मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर कार्यकर्ता मनोज जारांगे हजारों समर्थकों के साथ मुंबई की ओर बढ़ रहे हैं. वहीं, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने गुरुवार को कहा कि उनकी सरकार मनोज जारांगे की मांग को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है.

Advertisement
मनोज जारांगे-फाइल फोटो मनोज जारांगे-फाइल फोटो

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 26 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 6:24 AM IST

मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर कार्यकर्ता मनोज जारांगे हजारों समर्थकों के साथ मुंबई की ओर बढ़ रहे हैं. वहीं, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने गुरुवार को कहा कि उनकी सरकार मनोज जारांगे की मांग को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है. मुंबई से लगभग 130 किमी दूर स्थित पुणे जिले के एक पहाड़ी शहर लोनावाला में बोलते हुए, जारांगे ने शिंदे और उनके प्रतिनिधियों से एक साथ आने और मराठा कोटा के मुद्दे को हल करने की अपील की.

Advertisement

जारांगे ने कहा कि दो आधिकारिक प्रतिनिधिमंडलों ने उनसे पहले दिन मुलाकात की, लेकिन उनके पास देने के लिए कुछ भी नया नहीं था और उन्होंने कहा कि वे पुराने बिंदुओं पर विचार-विमर्श कर रहे थे. 40 वर्षीय जारांगे  20 जनवरी को हजारों समर्थकों के साथ जालना जिले से मुंबई की ओर मार्च पर निकले थे उनकी मांग है कि राज्य सरकार नौकरियों और शिक्षा में ओबीसी समूह के तहत मराठों को कोटा दे.

'हम यहां मनोरंजन के लिए नहीं आए हैं'
उन्होंने कहा, 'हम यहां मनोरंजन के लिए नहीं आए हैं. मराठा समुदाय की ओर से मैं सीएम एकांत शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फड़नवीस और अजीत पवार से अपील करता हूं कि वे चर्चा के लिए एक साथ आएं और मुद्दे का सौहार्दपूर्ण समाधान खोजें.' लोनावाला में अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए, जारांगे ने उनसे शांत रहने और उत्तेजित न होने के लिए कहा और जोर देकर कहा कि उनका विरोध शांतिपूर्ण है.

Advertisement

मुंबई के आजाद मैदान में धरने की इजाजत नहीं मिली
कार्यकर्ता ने राज्य सरकार द्वारा सरकारी नौकरियों और शिक्षा में मराठों को आरक्षण देने में विफल रहने पर 26 जनवरी से मुंबई में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू करने की घोषणा की है. बता दें कि मनोज को मुंबई के आजाद मैदान में धरने की इजाजत नहीं मिली है.

उन्होंने बुधवार को दावा किया कि महाराष्ट्र में अब तक मराठा समुदाय के सदस्यों को कुनबी (एक ओबीसी उपजाति) के रूप में पहचानने वाले 54 लाख रिकॉर्ड मिले हैं और उन्होंने तत्काल जाति प्रमाण पत्र जारी करने की मांग की. कुनबियों को ओबीसी श्रेणी के तहत सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश में आरक्षण का फायदा मिलता है.

सतारा जिले में अपने पैतृक गांव में पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री शिंदे ने दोहराया कि उनकी सरकार अन्य समुदायों के मौजूदा कोटा को छेड़े बिना मराठों को आरक्षण देने के लिए प्रतिबद्ध है.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement