Maharashtra political crisis: क्या महाराष्ट्र के 16 बागी MLA की रद्द होगी सदस्यता? कानूनी प्रक्रिया पर हुआ मंथन

शिवसेना ने महाराष्ट्र विधानसभा के डिप्टी स्पीकर को चिट्ठी लिखकर शिवसेना के बागी विधायकों की सदस्यता रद्द करने की मांग की है. अगर उनकी सदस्यता रद्द कर दी जाएगी तो वे फ्लोर टेस्ट में वोट नहीं कर पाएंगे. 

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शिवसेना ने डिप्टी स्पीकर से बागियों की सदस्यता रद्द करने की मांग की है (फाइल फोटो) शिवसेना ने डिप्टी स्पीकर से बागियों की सदस्यता रद्द करने की मांग की है (फाइल फोटो)

aajtak.in

  • मुंबई,
  • 24 जून 2022,
  • अपडेटेड 11:39 PM IST
  • शिवसेना ने बागियों की सदस्यता रद्द करने की मांग की
  • शिंदे ने कहा- उद्धव नहीं दायर कर सकते ऐसी अर्जी

महाराष्ट्र के मौजूदा राजनीतिक संकट के बीच शिवसेना के 16 बागी विधायकों की सदस्यता रद्द करने की मांग पर शुक्रवार रात विधानसभा सचिवालय में महाधिवक्ता आशुतोष कुंभकोनी के साथ अहम बैठक हुई. इसमें अरविंद सावंत, अनिल देसाई भी मौजूद रहे. अनिल देसाई ने बताया कि बागियों की सदस्यता रद्द करने को लेकर कानूनी पहलुओं पर चर्चा हुई. अब सभी बागियों को नोटिस भेजा जाएगा. मालूम हो कि शिवसेना ने महाराष्ट्र विधानसभा के डिप्टी स्पीकर को चिट्ठी लिखकर बागी विधायकों की सदस्यता रद्द करने की मांग की है. अगर उनकी सदस्यता रद्द कर दी जाएगी तो वे फ्लोर टेस्ट में वोट नहीं कर पाएंगे. 

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उद्धव नहीं दायर कर सकते हैं ऐसी अर्जी: शिंदे

शिवसेना की बागियों को अयोग्य करार देने की अर्जी एकनाथ शिंदे ने कहा था कि ऐसी याचिका उद्धव की तरफ से दायर नहीं की जा सकती क्योंकि उनके पास विधायकों का समर्थन ही नहीं है. ऐसे में जारी नोटिस, व्हिप सबको अवैध करार दिया गया था.

शिंदे बोले कि उद्धव अल्पमत हैं, वह सिर्फ गुवाहाटी विधायकों को डराने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन वे लोग डरेंगे नहीं. बता दें कि शिंदे खेमा लगातार मजबूत होता जा रहा है. दिलीप लांडे के गुवाहाटी पहुंचने से बागी शिवसेना विधायकों की संख्या 38 पहुंच गई है. इसके अलावा कई निर्दलीय विधायक भी गुवाहाटी में उनके साथ हैं.

अजय चौधरी को दल के नेता की मान्यता

डिप्टी स्पीकर ने उद्धव कैंप को पहले ही एक बड़ी राहत दे दी है. महाराष्ट्र के डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरवाल ने उद्धव कैंप के अजय चौधरी को विधायक दल के नेता के रूप में मान्यता दे दी है. इसके अलावा सुरेश प्रभु को चीफ व्हिप चुना गया है. बता दें कि डिप्टी स्पीकर नरहरि एनसीपी से विधायक हैं.

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डिप्टी स्पीकर का यह फैसला शिंदे कैंप के लिए झटके जैसा है. दरअसल, एकनाथ शिंदे की तरफ से भी डिप्टी सीएम को पत्र लिखा गया था. इसमें कहा गया था कि संख्याबल के हिसाब से वे लोग मजबूत हैं और वह खुद विधायक दल के नेता हैं. लेकिन अब डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरवाल ने शिंदे की बात को दरकिनार कर दिया है.

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