महाराष्ट्र: शिवाजी की प्रतिमा गिरने की जांच के लिए पैनल गठित, नई मूर्ति बनाने के लिए भी बनी टीम

महाराष्ट्र सरकार ने मालवन में गिरी शिवाजी महाराज की प्रतिमा की जांच के लिए एक समिति गठित की है. साथ ही, एक नई भव्य प्रतिमा बनाने की योजना भी बनाई गई है.

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महाराष्ट्र में शिवाजी प्रतिमा मामले पर सियासत तेज. महाराष्ट्र में शिवाजी प्रतिमा मामले पर सियासत तेज.

aajtak.in

  • मुंबई,
  • 29 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 5:36 PM IST

महाराष्ट्र सरकार ने सिंधुदुर्ग के मालवन में पिछले दिनों छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के गिरने के कारणों की जांच के लिए एक तकनीकी समिति गठित की है. इसमें इंजीनियर, आईआईटी विशेषज्ञ और नौसेना के अधिकारी शामिल हैं. मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा आधी रात के बाद जारी एक बयान के अनुसार, सरकार ने शिवाजी महाराज की 'गरिमा के अनुरूप भव्य प्रतिमा' के निर्माण के लिए भी एक समिति का गठन किया है.

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यह निर्णय मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बुधवार रात दक्षिण मुंबई के अपने आधिकारिक निवास 'वर्षा' में वरिष्ठ मंत्रियों, नौकरशाहों और नौसेना के अधिकारियों के साथ हुई बैठक के दौरान लिया. गौरतलब है कि बीते साल 4 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अनावरण की गई 35 फीट ऊंची शिवाजी महाराज की प्रतिमा सोमवार को गिर गई थी. जिसके बाद ठेकेदार के खिलाफ FIR दर्ज की गई है. 

यह प्राथमिकी लोक निर्माण विभाग की शिकायत के बाद दर्ज की गई है, जिसमें दावा किया गया है कि मूर्ति का निर्माण घटिया गुणवत्ता का था, और इसमें उपयोग किए गए नट और बोल्ट जंग लगे हुए पाए गए थे.

मामले में अब तक क्या एक्शन हुआ? 

छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा ढहने के मामले में दो लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. शिकायत में ठेकेदार और आर्टिसरी कंपनी के मालिक जयदीप आपटे और स्ट्रक्चरल कंसल्टेंट डॉक्टर चेतन पाटिल पर लापरवाही और काम की खराब गुणवत्ता के साथ-साथ प्रतिमा के आसपास के लोगों को संभावित रूप से नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया गया है.

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कब स्थापित हुई थी मूर्ति? 

सिंधुदुर्ग में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा का अनावरण 4 दिसंबर, 2023 को किया गया था, जब सिंधुदुर्ग में पहली बार नौसेना दिवस समारोह का आयोजन किया गया था. प्रतिमा का मकसद मराठा नौसेना की विरासत और छत्रपति शिवाजी महाराज के समुद्री रक्षा और सुरक्षा में योगदान के साथ-साथ आधुनिक भारतीय नौसेना के साथ इसके ऐतिहासिक संबंध का सम्मान करना था. इस प्रोजेक्ट का कॉन्सेप्ट और नेतृत्व इंडियन नेवी ने राज्य सरकार के सहयोग से किया था. सरकार ने प्रोजेक्ट के लिए फंड मुहैया करवाया था. 

शिवाजी की प्रतिमा ढहने के बाद से ही राज्य में सियासी घमासान मचा हुआ है. शिवसेना (UBT) और एनसीपी सहित तमाम विपक्षी दल इस मुद्दे पर बीजेपी और शिंदे सरकार को घेर रहे हैं. 

अजित पवार ने मांगी माफी 

अजित पवार ने कहा कि मैं राज्य का डिप्टी सीएम होने के नाते महाराष्ट्र के 13 करोड लोगों से माफी मांगता हूं. युगपुरुष छत्रपती शिवाजी महाराज ये हमारे सबके लिए भगवान है और इस भगवान की प्रतिमा 1 साल के अंदर जिस तरह से गिर गई है यह हम सबके लिए शॉकिंग है. इस मामले में दोषियों पर कारवाई की जाएगी.

1 सितंबर को MVA निकालेगा मार्च 

उद्धव ने कहा कि मूर्ति गिरने से महाराष्ट्र में बेचैनी है. उद्धव ने कहा कि सरकार के खिलाफ विरोध जताने के लिए महाविकास अघाड़ी (एमवीए) 1 सितंबर को हुतात्मा चौक से दक्षिण मुंबई में गेटवे ऑफ इंडिया तक मार्च निकालेगी. ठाकरे ने कहा कि पवार समेत एमवीए के सभी घटक दलों- शिवसेना (यूबीटी), एनसीपी (एसपी) और कांग्रेस के प्रमुख नेता इस विरोध प्रदर्शन में शामिल होंगे.

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