महाराष्ट्र में नया समीकरण? राज ठाकरे और फडणवीस के बीच हुई डेढ़ घंटे मुलाकात

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे से मुलाकात की है. दोनों नेताओं की यह मुलाकात मुंबई में हुई है. दोनों की बैठक करीब डेढ़ घंटे तक हुई. इस मुलाकात के बाद अब महाराष्ट्र में नए राजनीतिक समीकरण की चर्चाएं हो रही हैं. 

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देवेंद्र फडणवीस ने राज ठाकरे ने की लंबी मुलाकात (फाइल फोटो: PTI) देवेंद्र फडणवीस ने राज ठाकरे ने की लंबी मुलाकात (फाइल फोटो: PTI)

कमलेश सुतार

  • मुंबई,
  • 07 जनवरी 2020,
  • अपडेटेड 11:09 PM IST

  • मनसे नेता राज ठाकरे ने पूर्व मुख्यमंत्री फडणवीस से की मुलाकात
  • मुलाकात के बाद महाराष्ट्र में नए राजनीतिक समीकरण की चर्चाएं

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे से मुलाकात की है. दोनों नेताओं की यह मुलाकात मुंबई में हुई है. दोनों की बैठक करीब डेढ़ घंटे तक हुई. इस मुलाकात के बाद अब महाराष्ट्र में नए राजनीतिक समीकरण की चर्चाएं हो रही हैं.

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इस वजह से लग रहे हैं कयास

दोनों नेताओं के बीच इतनी लंबी चली बातचीत के बाद अब कयास लगाए जा रहे हैं कि बीजेपी मनसे से हाथ मिला सकती है. ये कयासबाजी इसलिए भी तेज है क्योंकि शिवसेना अब बीजेपी से अलग हो चुकी है और उसे महाराष्ट्र में गठबंधन के दलों यानी कांग्रेस, शिवसेना और एनसीपी से मुकाबले के लिए मनसे की जरूरत पड़ सकती है.

पहले इस जगह दिखी थी निकटता

महाराष्ट्र के पालघर में होने वाले जिला परिषद और पंचायत समिति के चुनाव के दौरान वहां कुछ बैनर लगे थे जिसमें मनसे और बीजेपी की नददीकियां नजर आ रही थीं. आपको बता दें कि पालघर में कुछ बैनर लगे थे जिसमें पीएम मोदी और मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे एक साथ दिखाई दे रहे थे.

शपथ ग्रहण में पहुंचे थे राज ठाकरे

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मनसे नेता राज ठाकरे ने आज महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की है. लेकिन आपको बता दें कि राज ठाकरे राज्य में गैर बीजेपी सरकार बनने के बाद उद्धव ठाकरे के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने भी गए थे. हालांकि जब विधानसभा में उद्धव सरकार का बहुमत परीक्षण हो रहा था तो महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) के विधायक ने सरकार के पक्ष में वोट नहीं किया था. हालांकि उस वक्त मनसे विधायक राजू पाटिल तटस्थ रहे थे. यहां आपको बता दें कि तटस्थ रहने का मतलब किसी भी पक्ष में वोट नहीं डालना है.

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