उद्धव सरकार को नहीं मिला भाई राज ठाकरे के विधायक का वोट

महाराष्ट्र विधानसभा में उद्धव सरकार ने फ्लोर टेस्ट को पास कर लिया है. उद्धव सरकार के पक्ष में 169 विधायकों ने वोट किया, जबकि चार विधायक तटस्थ रहे. तटस्थ का मतलब किसी भी पक्ष में वोट नहीं डालना है.

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राज ठाकरे ( फोटो- IANS) राज ठाकरे ( फोटो- IANS)

aajtak.in

  • मुंबई,
  • 30 नवंबर 2019,
  • अपडेटेड 3:42 PM IST

  • बहुमत परीक्षण में पास हुए उद्धव ठाकरे
  • MNS के विधायक ने नहीं किया वोट

महाराष्ट्र विधानसभा में उद्धव सरकार ने फ्लोर टेस्ट को पास कर लिया है. उद्धव सरकार के पक्ष में 169 विधायकों ने वोट किया, जबकि चार विधायक तटस्थ रहे. तटस्थ का मतलब किसी भी पक्ष में वोट नहीं डालना है. तटस्थ रहे विधायकों में राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) के विधायक राजू पाटिल शामिल हैं.

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तटस्थ रहे विधायकों में MNS का 1, ओवैसी की पार्टी (MIM) के 2 और CPIM का एक विधायक शामिल है, जिन्होंने किसी को भी वोट नहीं दिया. बता दें कि एमएनएस अध्यक्ष राज ठाकरे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के चचेरे भाई हैं. उनकी पार्टी (MNS) के विधायक ने उद्धव सरकार के समर्थन में वोट नहीं दिया और तटस्थ रहे.

महाराष्ट्र सरकार को किन विधायकों का मिला समर्थन?

महा विकास अघाड़ी को 169 विधायकों का समर्थन मिला. जिसमें उद्धव सरकार के पक्ष में शिवसेना के 56, एनसीपी के 54, कांग्रेस के 44, सपा के 2, स्वाभिमानी शेतकारी के एक, बहुजन विकास अघाड़ी के 3, पीडब्लूपी के एक और 10 निर्दलीय विधायकों ने वोटिंग की. इसमें एनसीपी के एक विधायक को प्रोटेम स्पीकर बना दिया गया था, इस वजह से 169 विधायकों ने वोट डाला.

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महाराष्ट्र विधानसभा में आज यानी शनिवार को विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सदस्यों के हंगामे के बीच मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने अपना और अपने मंत्रिमंडल के 6 सदस्यों का परिचय कराया. इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अगुवाई में बीजेपी सदस्यों ने कहा कि विशेष सत्र के आयोजन में नियमों का उल्लंघन किया गया है.

उद्धव सरकार ने पास किया फ्लोर टेस्ट, 169 विधायकों ने दिया समर्थन

बीजेपी ने सदन से किया वॉक आउट

हालांकि प्रोटेम स्पीकर दिलीप वलसे पाटिल ने फडणवीस की आपत्ति को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि विशेष सत्र का आयोजन राज्यपाल कोश्यारी के निर्देशों के अनुसार किया गया है. देवेंद्र फडणवीस ने आपत्ति जताते हुए कहा कि स्पीकर के चुनाव से पहले बहुमत परीक्षण नहीं होना चाहिए. बीजेपी विधायकों ने विधानसभा में हंगामा करते हुए जोरदार नारेबाजी की. इस बीच जैसे ही उद्धव सरकार ने बहुमत साबित करना शुरू किया तो बीजेपी ने सदन से वॉक आउट कर दिया.

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