मराठा आरक्षण के मुद्दे पर एक तरफ महाराष्ट्र के कई शहरों में प्रदर्शन देखने को मिल रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ शिंदे सरकार ने भी इसे लेकर कदम उठाने शुरू कर दिए हैं. इस मुद्दे पर राय लेने के लिए सरकार ने एक एडवाइजरी कमेटी गठित की है. जिसके चीफ जस्टिस दिलीप भोसले होंगे. सलाहकार समिति में न्यायमूर्ति संदीप शिंदे और न्यायमूर्ति मारुति गायकवाड़ भी होंगे, जो मराठा आरक्षण के संबंध में कानूनी मामले में सरकार का मार्गदर्शन करेंगे.
इस बीच आरक्षण को लेकर शिंदे समिति की अंतरिम रिपोर्ट को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है. इसमें कहा गया है कि जिन लोगों ने कुनबी जाति का होने का प्रमाण पत्र जमा कर दिया है, उन्हें कुनबी जाति प्रमाण पत्र देने की कार्रवाई शुरू की जाएगी. शिंदे समिति की अंतरिम रिपोर्ट के मुताबिक मराठवाड़ा क्षेत्र के लगभग 11,353 मराठों को अब महाराष्ट्र कैबिनेट से रिपोर्ट की मंजूरी के बाद कुनबी जाति प्रमाण पत्र मिलेगा. इसके अलावा यह भी बताया गया है कि पिछड़ा आयोग मराठा समुदाय की सामाजिक और शैक्षिक प्रगति की जांच के लिए नए अनुभवजन्य डेटा एकत्रित करेगा.
एक दिन पहले फूंका था MLA का बंगला
एक दिन पहले ही मराठा आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलनकारियों ने बीड जिले के माजलगांव में अजित पवार गुट के एनसीपी विधायक प्रकाश सोलंके का बंगला भी फूंक दिया था. इस दौरान बंगले में खड़ीं 8 से 10 टू-व्हीलर भी जलकर खाक हो गईं थीं. घटना के समय पुलिस बल मौके पर मौजूद था, लेकिन पथराव और उसके बाद आक्रामक भीड़ के कारण पुलिस बल कम पड़ गया. इस घटना पर विधायक प्रकाश सोलंके का भी बयान आया था. सोलंके ने कहा था कि जिस वक्त हमला हुआ वह अपने बीड वाले घर के अंदर ही थे.
बस सेवा तक करनी पड़ी थी बंद
विधायक प्रकाश सोलंके के घर को आग लगाने के बाद आंदोलनकारियों ने माजलगांव नगर परिषद की बिल्डिंग में भी आग लगा दी थी. इस घटना से इमारत को भारी नुकसान पहुंचा था. नगरपरिषद दफ्तर के दस्तावेज भी इस आगजनी में खाक होने की आशंका जताई गई थी. मराठा आरक्षण को लेकर लगातार जारी पथराव और आगजनीकी घटनाओं के कारण नांदेड़ में स्टेट ट्रांसपोर्ट (ST) बस सेवा दो दिनों के लिए बंद हो गई थी. गाड़ियों को जिले के डिपो में खड़ा कर दिया गया था और दूर जाने वाली यात्राएं रद्द कर दी गई थीं.
पानी की टंकी पर चढ़ गए थे प्रदर्शनकारी
प्रदर्शनों के बीच मराठा आरक्षण का विरोध करने पर महाराष्ट्र के धुले में भाजपा नेता रामदास कदम, केंद्रीय मंत्री नारायण राणे की प्रतिमाओं को जूते मारे गए थे. गुस्साए मराठा आंदोलनकारियों ने नारेबाजी भी की थी. इसी तरह परभणी जिले में मानोली के पास तहसीलदार की गाड़ी पर मराठा आंदोलनकारियों ने पथराव किया था, जिसमें उनकी गाड़ी को बड़ा नुकसान हुआ था. इस दौरान बहुत सारे प्रदर्शनकारी पानी की टंकी पर चढ़ गए थे, जिन्हें समझाने के लिए तहसीलदार वहां पहुंचे थे, लेकिन वहां पर आंदोलनकारी और अधिकारीयों के बीच बहस हो गई थी.
ऋत्विक भालेकर / विद्या