Maharashtra Corona Crisis: नागपुर में स्कूल- कॉलेज बंद, अमरावती में 1 मार्च तक लॉकडाउन

महाराष्ट्र में बढ़ते कोरोना के खतरे को देखते हुए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पहले ही कह चुके हैं, कि अगर कोरोना को लेकर लोगों की लापरवाही इसी तरह जारी रहती है तो फिर से लॉकडाउन पर विचार करना पड़ सकता है. 

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aajtak.in

  • मुुंबई,
  • 23 फरवरी 2021,
  • अपडेटेड 8:30 AM IST

महाराष्ट्र में कोरोना का संकट बढ़ता जा रहा है. सोमवार को प्रदेश में कोरोना के 5210 केस सामने आए. महाराष्ट्र में बढ़ते कोरोना के खतरे को देखते हुए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पहले ही कह चुके हैं, कि अगर कोरोना को लेकर लोगों की लापरवाही इसी तरह जारी रहती है तो फिर से लॉकडाउन पर विचार करना पड़ सकता है. 

नागपुर में स्कूल-कॉलेज बंद

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इस बीच कोरोना के बढ़ते मामलों के चलते नागपुर में स्कूल-कॉलेज 7 मार्च तक के लिए बंद कर दिए गए हैं, वहीं अमरावती जिले में एक मार्च तक लॉकडाउन लगा दिया गया है. अमरावती के पालक मंत्री, यशोमती ठाकुर ने कहा कि लॉकडाउन उपाय नहीं है मजबूर होना पड़ा. अगर काउंट कम आया तो हम रोक सकते हैं नहीं तो कड़क कार्रवाई करेंगे.

मुंबई में सख्त पाबंदियां

मुंबई में भी कोरोना के मामले में तेजी से बढ़ रहे हैं, जिसे रोकने के लिए सख्त पाबंदियां लगाई जा रही हैं. पिछले 24 घंटे में मुंबई में 760 नए केस दर्ज किए गए. यहां मास्क न पहनने वाले लोगों को पकड़ा जा रहा है. जुर्माना लगाया जा रहा है, जो आगे भी जारी रह सकता है. क्योंकि मुंबई के लिए अगले 10 दिन बहुत अहम हैं. कोरोना के केस ताबड़तोड़ बढने के बावजूद महाराष्ट्र में जनता कोरोना को गंभीरता से लेती हुई नहीं दिख रही. BMC के कमिश्नर अगले 10-12 दिनों को बहुत अहम मान रहे हैं.

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शिरडी में नहीं दिखा लोगों में खौफ

महाराष्ट्र के शिरडी में लोगों में न दो गज की दूरी है और न ही कोरोना की चिंता. लोग बिना मास्क या फिर आधा अधूरा मास्क लगाए हुए दर्शन की बारी का इंतजार करते दिखे. ऐसे में साईं बाबा के शहर शिरडी में सबकुछ भगवान भरोसे है. जिन पुलिस वालों पर नियमों का पालन करवाने की जिम्मेदारी है, वो लोग खुद यहां पर बिना मास्क लगाए बैठे हुए दिखे.

शिरडी जैसी बेफिक्री नागपुर में भी देखने को मिली. कोरोना के खतरे के बीच नागपुर के सीताबर्डी बाजार में पैर रखने की जगह नहीं थी. लोग एक दूसरे पर गिरे जा रहे थे. कुछ ने मास्क पहना था तो बाकी बिना मास्क के कोरोना को न्योता देते दिख रहे थे.

ऐसे में सवाल उठता है कि नागपुर में प्रशासन क्या कर रहा है. क्यों सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करवाया जा रहा. स्थानीय दुकानदार ने बताया कि प्रशासन का कुछ भी कंट्रोल नहीं है. प्रशासन की तरफ से कोई आता नहीं है. आते हैं तो चले जाते हैं. कोई सक्रियता नहीं है. प्रशासन सिर्फ दुकान में बैठे हुए हम लोगों को देखती है, यहां पर 4 आदमी बैठे हुए हैं. उसमें एक दो लोग अगर मास्क नहीं पहनते तो उन पर कार्रवाई करते हैं. यहां लाखों लोगों की भीड़ है, जो कोरोना फैला रहे हैं. उस पर कोई कार्रवाई नहीं होती.

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नागपुर में कोरोना के तेजी से बढ़ते मामलों को देखते हुए स्कूल, कॉलेज , ट्यूशन सेंटर 25 फरवरी से 7 मार्च तक के लिए बंद कर दिए गए हैं. बाजार भी सिर्फ शनिवार और रविवार को खोले जाएंगे. साप्ताहिक बाजार पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी गई है. 

कोरोना को लेकर लापरवाही समाज के हर तबके को पीछे धकेल रही है. क्योंकि लॉकडाउन लगने से छात्रों की पढ़ाई प्रभावित होगी, तो रोज कमाने वालों का रोजगार छिन जाएगा. कारोबार ठप पड़ जाएगा. सारी आर्थिक गतिविधियां रुकने से सरकार की आय घट जाएगी. कुल मिलाकर सब प्रभावित होंगे.

 

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