महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने रविवार को उपमुख्यमंत्री अजित पवार के उस विवादित बयान को चुनावी रेटोरिक बताते हुए खारिज कर दिया, जिसमें पवार ने विकास कार्यों के लिए फंड आवंटन को वोट मिलने से जोड़ा था. फडणवीस ने स्पष्ट किया कि महायुति सरकार किसी भी क्षेत्र के साथ भेदभाव नहीं करेगी और विकास सभी का होगा.
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक नागपुर में एक कार्यक्रम के दौरान पत्रकारों से बातचीत में फडणवीस ने कहा कि चुनावी भाषणों में कई बार बातें बढ़ा-चढ़ाकर कही जाती हैं, लेकिन उनका वास्तविक मतलब वैसा नहीं होता. ये सब बोलना पड़ता है, चुनाव के समय ये सब बोलना पड़ता है. इन बातों का कोई अर्थ नहीं होता है. मैं भी जाऊंगा तो कहूंगा कि मुझे वोट दो, मैं ज्यादा पैसा दूंगा.
उन्होंने कहा, “अगर हमारे साथी या कोई और ऐसा कह भी दे, तो इसका यह अर्थ नहीं कि वे भेदभाव करेंगे. हमारी सरकार महाराष्ट्र के हर क्षेत्र के विकास के लिए प्रतिबद्ध है.”
अजित पवार का क्या था बयान?
शुक्रवार को पुणे जिले की बारामती तहसील स्थित मालेगांव नगर पंचायत चुनाव प्रचार के दौरान एनसीपी (अजित पवार गुट) प्रमुख और वित्त मंत्री अजित पवार ने मतदाताओं से कहा था, “आपके पास वोट हैं, मेरे पास फंड. अगर आपने हमारे 18 उम्मीदवारों को जिताया, तो फंड की कोई कमी नहीं होगी. लेकिन अगर आप हमें रिजेक्ट’ करेंगे, तो मैं भी आपको रिजेक्ट कर दूंगा.”
इस बयान के बाद सोशल मीडिया और राजनीतिक हलकों में पवार की आलोचना शुरू हो गई.
शिंदे से अविश्वास की खबरें बकवास
फडणवीस ने उपमुख्यमंत्री और शिवसेना अध्यक्ष एकनाथ शिंदे से दूरी या अविश्वास की खबरों को भी सिरे से खारिज किया. उन्होंने मीडिया पर निशाना साधते हुए कहा, “यह पागलों का बाजार है, और कुछ मीडिया भी इसी बाजार में पागल हो गए हैं. शिंदे साहब और मैं परसों भी मिले थे, कल भी मिले. हम एक-दूसरे से बात करते हैं, इसमें कोई समस्या नहीं.”
फडणवीस ने कहा कि मीडिया जिस तरह का माहौल बना रही है, वह पूरी तरह भ्रामक है. उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि जो लोग ऐसी बातें फैला रहे हैं, वे खुद गिरेंगे.
मुस्लिम भेदभाव के आरोपों पर फडणवीस का जवाब
दिल्ली ब्लास्ट जांच को लेकर जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी द्वारा लगाए गए मुस्लिम भेदभाव के आरोपों पर फडणवीस ने कहा, “डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम मुस्लिम समुदाय के असली आइकन हैं. हम भी उन्हें सम्मान देते हैं. उन्हें आइकन बनाएं, दूसरों को क्यों?”
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