महाराष्ट्र में हो रहे बीएमसी सहित 29 नगर निगम चुनाव में गठबंधन के सारे समीकरण को उलट-पुलट कर रख दिया है. बीजेपी के अगुवाई वाले महायुति और विपक्षी गठबंधन महाविकास अघाड़ी दोनों में टूट पड़ गई है. इस तरह राज्य में एक नया तीसरा गठबंधन भी आकार लेता दिख रहा है.
बीजेपी ने एकनाथ शिंदे की शिवसेना के साथ अपनी दोस्ती बनाए रखी तो अजित पवार की एनसीपी से किनारा कर लिया. ऐसे में अजित पवार ने अपने चाचा शरद पवार की पार्टी से हाथ मिला लिया है. मुंबई में उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के गठबंधन पर महायुति से अलग होने वाले कांग्रेस ने पुणे उसी ठाकरे ब्रदर्स के साथ हाथ मिला लिया है.
मुंबई का नगर निगम, जिसे बीएमसी के नाम से जाना जाता है. इसी तरह के पुणे नगर निगम को पीएमसी के नाम से जाना जाता है. इन दोनों बड़े शहरों में तीन-तीन गठबंधन चुनावी मैदान में किस्मत आजमा रहे हैं.
बीजेपी-शिंदे का पहला गठबंधन
महाराष्ट्र में सीएम देवेंद्र फड़णवीस के नेतृत्व वाले महायुति में बीजेपी, एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी शामिल है. तीनों ही दल मिलकर 2024 का लोकसभा और विधानसभा चुनाव लड़े थे, लेकिन नगर निगम चुनाव में यह दोस्ती बिखर गई है. फडणवीस सरकार में अजित पवार डिप्टीसीएम हैं और उनकी पार्टी के आधा दर्जन नेता फडणवीस कैबिनेट में मंत्री हैं. इसके बाद भी बीएमसी सहित राज्य के बाकी के नगर निगम चुनाव में बीजेपी ने अजित पवार से किनारा कर लिया है.
बीजेपी ने एकनाथ शिंदे की शिवेसना के साथ मिलकर बीएमसी सहित 29 नगर निगम का चुनाव लड़ रही है, लेकिन अजित पवार की एनसीपी इस चुनाव में महायुति का हिस्सा नहीं है. बीजेपी और शिंदे मिलकर मुंबई से नागपुर और पुणे तक पुरे दमखम के साथ किस्मत आजमा रहे हैं. इस तरह से महाराष्ट्र में यह पहला गठबंधन है, जिसमें बीजेपी और शिवेसना एक साथ हैं. फडणवीस कह भी चुके हैं कि बीजेपी का नेचुरल सहयोगी शिवसेना है.
पवार परिवार में बन ही गई बात
महायुति से किनारे किए गए अजित पवार ने अलग ही गठबंधन का तानाबाना बुन लिया है. अजित पवार की एनसीपी ने मुबंई का बीएमसी चुनाव में अकेले किस्मत आजमाने का फैसला किया है तो पुणे और पिंपरी चिंचवाड़ महानगर निगम का चुनाव अपने चाचा शरद पवार की एनसीपी (एसपी) के साथ लड़ने की रूपरेखा तय हो गई है.
शरद पवार की पार्टी विपक्षी महा विकास अघाड़ी का हिस्सा थी, लेकिन नगर निगम चुनाव में अपनी अलग राह पकड़ ली है. मुंबई के बीएमसी में भले ही अपने पत्ते ना खोले हों, लेकिन पुणे के नगर निगम चुनाव में अजित पवार की पार्टी के हाथ मिला लिया है.
अजित पवार पुणे के प्रभारी मंत्री हैं, जिसके चलते उनकी साख दांव पर लगी हुई है. ऐसे में उन्होंने शरद पवार की पार्टी से पुणे और पिंपरी-चिंचवड नगर निगम चुनावों में एक साथ चुनाव लड़ने का फैसला किया. पुणे महानगर निगम चुनाव को लेकर दोनों पार्टियों के बीच गुरुवार को सीट शेयरिंग पर बात भी हुई है.
माना जा रहा है कि शरद पवार की पार्टी ने 40 से 45 सीटें मांगी हैं जबकि अजित पवार की एनसीपी 30 सीटें देने को तैयार है. पुणे में अगर पवार परिवार की दोस्ती होती है तो फिर दूसरे नगर निगम में साथ किस्मत आजमा सकते हैं. इस तरह पवार परिवार का दूसरा गठबंधन बन गया है.
ठाकरे ब्रदर्स के साथ आई कांग्रेस
पुणे में बीजेपी और शिंदे का तो अजित पवार का शरद पवार के साथ बनती सियासी केमिस्ट्री को देखते हुए कांग्रेस ने ठाकरे ब्रदर्स के साथ गठबंधन करने का फैसला किया है. मुबंई के बीएमसी चुनाव में उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के गठबंधन से कांग्रेस ने किनारा लिया है, लेकिन पुणे के पीएमसी चुनाव में ठाकरे ब्रदर्स के साथ मिलकर चुनाव लड़ने पर रजामंदी दे दी है.
पुणे नगर निगम चुनाव में कांग्रेस अब उद्धव की शिवसेना (यूबीटी) और राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के साथ किस्मत आजमाएंगी. यह प्रस्ताव कांग्रेस ने खुद ही शिवसेना (UBT) को औपचारिक रूप से भेजा है. शुक्रवार को तीनों दलों के बीच सीट शेयरिंग भी फाइनल हो जाएगी. पुणे नगर निगम में कुल 41 वार्ड और 165 पार्षद सीटें हैं, जिन पर तीनों दलों के बीच समझौता होना है.
महाराष्ट्र में स्थानीय स्तर परतीसरा गठबंधन कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और मनसे के साथ बनता दिख रहा है. कांग्रेस ने साफ कर दिया है कि पुणे में पार्टी अजित पवार गुट के साथ गठबंधन नहीं करेगी. अजित पवार ने कांग्रेस के साथ गठबंधन की कोशिश कर रहे थेय. कांग्रेस नेता मोहन जोशी ने बताया कि मुंबई में हुई पार्टी की कोर कमेटी बैठक में शिवसेना (UBT) के साथ गठबंधन का फैसला लिया गया है और सीट बंटवारे पर जल्द अंतिम सहमति बन जाएगी.
कुबूल अहमद