क्राइम ब्रांच अधिकारी बनकर वकील का अपहरण, पीड़ित से लूट करने वाले 5 गिरफ्तार

मुंबई के खार पुलिस ने पांच लोगों को क्राइम ब्रांच अधिकारी बनकर एटीएम के बाहर से वकील का अपहरण करने के आरोप में गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार में आए आरोपी की पहचान प्रफुल्ल मोरे, मालाडकर, विकास सुर्वे, चेतन केम्पेगौड़ा और दर्शन याग्निक के रूप में हुई है. सभी पर कई धाराओं के तहत मामला दर्ज कर पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है.

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बरामद समान दिखाती पुलिस. बरामद समान दिखाती पुलिस.

देव अमीश कोटक

  • मुंबई,
  • 13 सितंबर 2024,
  • अपडेटेड 9:48 PM IST

मुंबई के खार पुलिस ने पांच लोगों को क्राइम ब्रांच अधिकारी बनकर एटीएम के बाहर से वकील का अपहरण करने के आरोप में गिरफ्तार किया है. पुलिस ने डकैती, सरकारी कर्मचारी होने का दिखावा करने, धोखाधड़ी और संगठित अपराध की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है. साथ ही सभी आरोपी को 18 सितंबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है.

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दरअसल, यह घटना 8 सितंबर को खार पश्चिम इलाके में 16वीं रोड पर हुई. जब पीड़ित वकील एटीएम के जरिए एक खाते में रुपये जमा करने गए थे. इस दौरान एटीएम के गेट पर दो लोगों ने बुलाया. उन लोगों ने खुद को क्राइम ब्रांच के अधिकारी बताया और शेख से पूछताछ के लिए अपने साथ चलने को कहा. इस दौरान बैग चेक करने पर पांच लाख रुपये मिले.

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5 लाख रुपये से भरा बैग लेकर भागा आरोपी

बाद में उन्होंने जांच करने के बहाने उसे अपनी कार में बैठने के लिए कहा. फिर जबरन वकील को कार में धकेल दिया और परिणाम भुगतने की धमकी देते लगे. बाद में कहा कि उनके वरिष्ठ इस मामले के बारे में बात करना चाहते हैं. जैसे ही वह बाइक पर इंतजार कर रहे वरिष्ठ से मिलने के लिए बाहर निकला, तो नकली अधिकारी पांच लाख रुपये से भरा बैग लेकर भाग गया.

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मामले में DCP ने कही ये बात

जोन 9 के डीसीपी राज तिलक रौशन ने कहा, पीड़ित वकील के शिकायत के बाद खार पुलिस ने घटनास्थल और एटीएम के बाहर की फुटेज खंगाली. इसके बाद संदेश पर मालाडकर को गिरफ्तार किया. फिर बाकी चार को अंधेरी के एक होटल से गिरफ्तार किया गया. मालाडकर के खिलाफ मुंबई और नवी मुंबई के विभिन्न पुलिस स्टेशनों में आठ मामले दर्ज हैं.

18 सितंबर तक पुलिस हिरासत में भेजा गया

पुलिस ने अपराध को अंजाम देने के लिए इस्तेमाल की गई बाइक और जिस कार में पीड़ित का अपहरण किया गया था दोनों को जब्त कर लिया गया है. हमने लूटी गई राशि का 70% हिस्सा बरामद कर लिया है. अन्य चार आरोपियों की पहचान प्रफुल्ल मोरे, विकास सुर्वे, चेतन केम्पेगौड़ा और दर्शन याग्निक के रूप में हुई है. उन पर डकैती, सरकारी कर्मचारी होने का दिखावा करने, धोखाधड़ी और संगठित अपराध की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है और उन्हें 18 सितंबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है.

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