हनीट्रैप में फंसा नौसेना इंजीनियर... महिला मित्र और 'सर' के कहने पर पाक एजेंटों को भेजे भारत के डिफेंस सीक्रेट्स

महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने एक प्राइवेट डिफेंस कंपनी में काम करने वाले 27 वर्षीय जूनियर सर्विस इंजीनियर रवि वर्मा से जुड़े जासूसी के मामले का खुलासा किया है. एटीएस सूत्रों के अनुसार, रवि वर्मा हनीट्रैप ऑपरेशन के ज़रिए फंसा था. उसने सोशल मीडिया के ज़रिए भारतीय नौसेना के युद्धपोतों से जुड़ी संवेदनशील जानकारी पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों (पीआईओ) को दी थी.

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हनीट्रैप में फंसा नौसेना इंजीनियर. (Representational image) हनीट्रैप में फंसा नौसेना इंजीनियर. (Representational image)

दीपेश त्रिपाठी

  • मुंबई,
  • 30 मई 2025,
  • अपडेटेड 2:58 PM IST

महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने एक जासूसी के मामले का खुलासा किया है. प्राइवेट डिफेंस कंपनी में काम करने वाले 27 वर्षीय जूनियर सर्विस इंजीनियर रवि वर्मा हनी ट्रैप में फंसकर भारतीय नौसेना से जुड़ी संवेदनशील जानकारी पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों को लीक कर रहा था. एटीएस के सूत्रों के अनुसार, यह मामला सोशल मीडिया के माध्यम से शुरू हुआ था, जहां रवि वर्मा का संपर्क एक महिला से हो गया था.

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जांच में सामने आया कि नवंबर 2024 में फेसबुक पर प्रीति जायसवाल नाम की महिला ने रवि वर्मा से संपर्क किया. इसके बाद वह वॉट्सएप पर भी उससे जुड़ी और दोस्ताना संबंध बनाए. इस दौरान महिला ने उसकी नौकरी और वर्क प्लेस के बारे में जानकारी हासिल की और फिर उसे सीक्रेट डिटेल शेयर करने के लिए तैयार कर लिया.

नवंबर 2024 से मार्च 2025 तक महिला और 'सर' कहे जाने वाले एक अज्ञात व्यक्ति के निर्देशों के तहत रवि वर्मा ने मुंबई में प्रतिबंधित नौसेना डॉकयार्ड में डॉक किए गए भारतीय नौसेना के जहाजों और नौकाओं के नाम और स्थानों के बारे में गोपनीय विवरण साझा किए हैं. एटीएस को वर्मा की संदिग्ध गतिविधियों के बारे में विशिष्ट खुफिया जानकारी मिली थी. यह पाया गया कि वह वॉट्सएप के माध्यम से दो पाकिस्तानी खुफिया संचालकों के सीधे संपर्क में था. इनपुट की पुष्टि करने और वर्मा से पूछताछ करने के बाद एटीएस ने संवेदनशील रक्षा जानकारी के लीक होने की पुष्टि की.

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यह भी पढ़ें: पाकिस्तान में रिश्तेदारी, ISI से कनेक्शन और इनफॉरमेशन शेयरिंग की ट्रेनिंग... जासूसी करने वाले कासिम ने पूछताछ में क्या-क्या बताया?

एटीएस को पहले से ही रवि वर्मा की संदिग्ध गतिविधियों की खबर मिल गई थी. यह जानकारी केंद्र सरकार के अत्यधिक संवेदनशील क्षेत्र से जुड़ी थी, जिसका लीक होना देश की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा थी. एटीएस ने रवि वर्मा से कड़ी पूछताछ की, जिसमें सामने आया कि उसने सचमुच संवेदनशील जानकारी लीक की है. इसके बाद रवि वर्मा, महिला और 'सर' नाम के व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है. महाराष्ट्र एटीएस ने इस मामले में कहा है कि देश की सुरक्षा और रक्षा से जुड़ी जानकारी लीक करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. यह मामला हनी ट्रैप के जरिये जासूसी के खतरनाक तरीकों को उजागर करता है.

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