महाराष्ट्र के पुणे में द्वितीय विश्वयुद्ध के समय का हैंड ग्रेनेड मिला है. सूचना पाकर मौके पर बम निरोधक दस्ता भी पहुंच गया. अब बम निरोधक दस्ते ने जंग लगे इस हैंड ग्रेनेड को बाहरी आईईडी का उपयोग कर डिफ्यूज करने के लिए पुणे की जिला अदालत में आवेदन दायर किया है. यह हैंड ग्रेनेड पीएमडीआरए मेट्रो रेल परियोजना के लिए लेवलिंग का कार्य किए जाते समय पाया गया.
इसकी पुष्टि पुणे के डिप्टी पुलिस कमिश्नर (डीसीपी) पंकज देशमुख ने भी की है. पंकज देशमुख ने कहा कि जमीन की लेवलिंग किए जाने के दौरान टहल रहे एक सुरक्षाकर्मी की नजर जंग लगे इस हैंड ग्रेनेड पर पड़ी. उन्होंने बताया कि यह हैंड ग्रेनेड एचई-36 सीरीज का है. यह द्वितीय विश्वयुद्ध के समय का है. देशमुख ने कहा कि बनेर इलाके में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च (आईआईएसईआर) परिसर में पुराना और जंग लगा हुआ ग्रेनेड मिट्टी के नीचे से मिला.
डीसीपी पंकज देशमुख ने कहा कि इसकी जानकारी सुरक्षाकर्मी की ओर से मिलने के बाद बम डिटेक्शन एंड डिस्पोजबल स्क्वॉड (बीडीडीएस) की टीम मौके पर पहुंची. बीडीडीएस दस्ते ने एक्सटर्नल आईईडी का उपयोग कर हैंड ग्रेनेड को नष्ट करने के लिए पुणे की जिला अदालत में आवेदन दायर कर दिया है. उन्होंने कहा कि इस ग्रेनेड को बुधवार के दिन आईआईएसईआर परिसर के अंदर सुरक्षित स्थान पर ले जाया जाएगा.
पीएमआरडीए के सीईओ सुहास दिवसे ने भी हैंड ग्रेनेड पाए जाने की पुष्टि की है. दिवसे ने कहा कि एक सुरक्षाकर्मी ने जंग लगा हैंड ग्रेनेड पाया. गौरतलब है कि पुणे की मेट्रो परियोजना के लिए आईआईएसईआर-एनसीएल की भी थोड़ी जमीन का अधिग्रहण किया गया था. इसी जमीन में खुदाई और लेवलिंग के काम के दौरान यह हैंड ग्रेनेड मिला, जिसके द्वितीय विश्वयुद्ध काल के होने का दावा किया जा रहा है.
पंकज खेळकर