मुंबई की सड़कों पर सियासी संग्राम! एकनाथ शिंदे-आदित्य ठाकरे आमने-सामने, BJP विधायकों ने BMC अधिकारियों पर उठाए सवाल

बैठक के दौरान तब एक तनावपूर्ण स्थिति पैदा हो गई जब डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे बैठक के बीच में पहुंचे. सभी लोग खड़े हो गए, लेकिन आदित्य ठाकरे अपनी सीट पर ही बैठे रहे, जिससे माहौल कुछ असहज हो गया. हालांकि, शिंदे ने बैठक के दौरान सभी चिंताओं को सुना और बीएमसी आयुक्त को लिए गए निर्णयों को लागू करने का निर्देश दिया.

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आदित्य ठाकरे और एकनाथ शिंदे ने बैठक में हिस्सा लिया आदित्य ठाकरे और एकनाथ शिंदे ने बैठक में हिस्सा लिया

ऋत्विक भालेकर

  • मुंबई,
  • 24 मार्च 2025,
  • अपडेटेड 8:29 PM IST

महाराष्ट्र विधानसभा में 2023-24 के दौरान मुंबई की सड़क कांक्रीटीकरण योजना को लेकर एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक आयोजित की गई. इस बैठक की अध्यक्षता विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने की, जिसमें सत्तारूढ़ और विपक्षी दलों के विधायकों ने हिस्सा लिया. विधायकों ने बीएमसी की सड़क कांक्रीटीकरण परियोजना में कथित घोटाले की जांच आर्थिक अपराध शाखा (EOW) से कराने की मांग की.

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बैठक के दौरान तब एक तनावपूर्ण स्थिति पैदा हो गई जब डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे बैठक के बीच में पहुंचे. सभी लोग खड़े हो गए, लेकिन आदित्य ठाकरे अपनी सीट पर ही बैठे रहे, जिससे माहौल कुछ असहज हो गया. हालांकि, शिंदे ने बैठक के दौरान सभी चिंताओं को सुना और बीएमसी आयुक्त को लिए गए निर्णयों को लागू करने का निर्देश दिया.

दरअसल, शिवसेना (उद्धव गुट) के नेता आदित्य ठाकरे ने बार-बार इस घोटाले की जांच की मांग की थी और इस सिलसिले में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को पत्र लिखकर ईओडब्ल्यू जांच की अपील की. इस बैठक का उद्देश्य यह तय करना था कि इस कथित घोटाले की जांच के लिए ईओडब्ल्यू को आदेश दिया जाए या नहीं. खराब गुणवत्ता वाली कांक्रीटीकरण परियोजना के कारण मुंबई की सड़कें अधूरी या खुदी पड़ी हैं, जिससे यातायात प्रभावित हो रहा है.

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बैठक में यह निर्णय लिया गया कि वार्ड-स्तरीय बैठकें आयोजित की जाएंगी, जिनमें अतिरिक्त नगर आयुक्त और यातायात विभाग के संयुक्त पुलिस आयुक्त भी शामिल होंगे. इसका उद्देश्य परियोजना की निगरानी और समन्वय सुनिश्चित करना है.

लिए गए प्रमुख निर्णय:

-अग्रिम गतिशीलता निधियों (Advance Mobility Funds) के वितरण की निगरानी की जाएगी, ताकि पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित की जा सके.

-वर्तमान चरण का कार्य 31 मई तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है, जिसकी समीक्षा अप्रैल के अंत में होगी.

-वार्ड-स्तरीय अधिकारियों को समन्वय, निगरानी और विकास कार्यों की ट्रैकिंग की जिम्मेदारी दी जाएगी.

भाजपा नेता ने जताई नाराजगी

भाजपा मंत्री आशीष शेलार और विधायक अमित साटम ने सड़क निर्माण कार्यों में हुई देरी और भ्रष्टाचार को लेकर कड़ी नाराजगी जताई. आशीष शेलार ने स्पष्ट किया कि सड़क कांक्रीटीकरण का निर्णय आवश्यक था, लेकिन बीएमसी अधिकारियों और ठेकेदारों ने समयसीमा का पालन नहीं किया. विधायक अमित साटम ने आरोप लगाया कि बीएमसी की विभिन्न एजेंसियों और विभागों के बीच समन्वय की कमी के कारण सड़क कार्यों में अनावश्यक देरी हो रही है.

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