शिवसेना शिंदे गुट का दावा- उद्धव ठाकरे ने बना लिया था बीजेपी के साथ गठबंधन का मन, लेकिन...

शिवसेना के विधायकों ने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में पार्टी से बगावत कर दी थी. शिवसेना के बागी विधायकों ने बीजेपी के साथ गठबंधन कर सरकार बना ली. शिवसेना बागी गुट के प्रवक्ता दीपक केसरकर ने अब उद्धव ठाकरे को लेकर बड़ा दावा किया है. दीपक केसरकर ने सुशांत सिंह राजपूत केस में आदित्य ठाकरे का नाम आने से लेकर उद्धव ठाकरे की पीएम मोदी से मुलाकात तक, कई खुलासे किए हैं.  

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उद्धव ठाकरे और दीपक केसरकर (फाइल फोटो) उद्धव ठाकरे और दीपक केसरकर (फाइल फोटो)

ऋत्विक भालेकर

  • मुंबई,
  • 06 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 4:25 PM IST

महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना विधायकों की बगावत और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के साथ गठबंधन सरकार बनाने के बाद बागी गुट ने उद्धव ठाकरे को लेकर बड़ा खुलासा किया है. शिवसेना के बागी गुट के प्रवक्ता दीपक केसरकर ने दावा किया है कि उद्धव ठाकरे ने एकबार मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़कर बीजेपी के साथ सरकार बनाने का मन बना लिया था लेकिन बनते-बनते बिगड़ गई थी.

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दीपक केसरकर ने कहा है कि फिल्म अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में नारायण ने आदित्य ठाकरे का नाम घसीट लिया. नारायण राणे ने आदित्य ठाकरे पर कई गंभीर आरोप लगाए थे. दीपक केसरकर ने कहा है कि हम सभी आदित्य ठाकरे का नाम घसीटे जाने के खिलाफ थे और मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक अपनी बात पहुंचाई भी थी.

उन्होंने आगे कहा कि उद्धव ठाकरे ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की थी. प्रधानमंत्री ने संवेदनशीलता दिखाई और एक पिता की तरह पूरी बात सुनी. दीपक केसरकर ने दावा किया कि उद्धव ठाकरे ने तब मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देकर बीजेपी के साथ सरकार बनाने का मन भी बना लिया था. उन्होंने ये भी कहा कि उद्धव ठाकरे ने प्रधानमंत्री से कहा था कि उनके लिए मुख्यमंत्री की कुर्सी से ज्यादा महत्वपूर्ण पारिवारिक रिश्ते हैं.

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शिवसेना बागी गुट के प्रवक्ता ने दावा किया कि इसके बाद ये चर्चा ठप पड़ गई और उद्धव ठाकरे की ओर से इसे लेकर किसी तरह की प्रतिक्रिया नहीं मिली. उन्होंने दावा किया कि हमने एकनाथ शिंदे और अन्य वरिष्ठ नेताओं से उद्धव ठाकरे को इसके लिए तैयार करने को राजी भी किया था लेकिन ऐसा हो नहीं पाया. दीपक केसरकर ने ये भी बताया है कि शिवसेना, बीजेपी के साथ गठबंधन कर सरकार बनाते-बनाते कैसे रह गई थी.

उन्होंने कहा कि कुछ दिनों में शिवसेना और बीजेपी की सरकार का गठन होना था कि इसी बीच बीजेपी के 12 विधायकों को एक साल के लिए निलंबित कर दिया गया. इससे बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व को ठेस पहुंची थी. दीपक केसरकर ने कहा कि हमारी बातचीत के दौरान बीजेपी नेताओं ने ये कहा भी था कि ये सही नहीं हुआ. बाद में नारायण राणे को केंद्र सरकार में मंत्री बना दिया गया जिससे उद्धव ठाकरे को ठेस पहुंची और दोनों दलों के बीच बातचीत की गाड़ी यहीं पटरी से उतर गई.

शिवसेना बागी गुट के प्रवक्ता के मुताबिक उद्धव ठाकरे ने इसके बाद फिर से बीजेपी केंद्रीय नेतृत्व से बातचीत की थी और साथ आने के लिए एक प्रस्ताव रखा था जिसे मानने से बीजेपी ने इनकार कर दिया था. उन्होंने कहा है कि शिवसेना-बीजेपी गठबंधन सरकार के सभी प्रयास विफल हो गए लेकिन शिवसेना के अधिकतर विधायक ये मानते रहे कि हमें हिंदुत्व की समान विचारधारा वाली पार्टी के साथ सरकार बनाना चाहिए.

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दीपक केसरकर ने ये भी कहा कि जब उद्धव ठाकरे खुद बीजेपी के साथ जाना चाहते थे, हमने वही कर दिया तो गलत क्या है. उन्होंने कहा कि आज जो आदित्य ठाकरे हम पर हमला बोल रहे हैं, हम सभी ने सुशांत सिंह राजपूत केस के समय उनका समर्थन किया था. हम ये नहीं चाहते कि उनका (आदित्य ठाकरे का) राजनीतिक करियर खतरे में पड़े. आदित्य ठाकरे को हमारे खिलाफ टिप्पणी करना बंद कर देना चाहिए.

 

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