साइबर अपराधी लोगों को अपने जाल में फंसाने और पैसे ऐंठने के लिए नए-नए तरीके अपना रहे हैं. वहीं, साइबर क्राइम को रोकने के लिए पुलिस भी कई अभियान चला रही है. इसी क्रम में मुंबई पुलिस ने हेल्पलाइन नंबर 1930 की मदद से कई लोगों को ठगी का शिकार बनने से बचाया है. गुरुवार को एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि मुंबई पुलिस ने साइबर हेल्पलाइन 1930 पर शिकायत दर्ज कराने के बाद एक व्यक्ति से साइबर जालसाज द्वारा वसूले गए लगभग 40 लाख रुपये जब्त कर लिए हैं.
पुलिस के अनुसार, बुधवार को एक निजी फर्म के कर्मचारी के एक व्यक्ति ने फोन किया और खुद को कानून प्रवर्तन अधिकारी होने का दावा किया और उससे लगभग 40 लाख रुपये ऐंठ लिए. इसके बाद व्यक्ति ने सूझबूझ दिखाते हुए तुरंत मुंबई पुलिस की साइबर हेल्पलाइन 1930 पर संपर्क किया और अपने साथ हुई ठगी के बारे में जानकारी दी.
पीड़ित की शिकायत पर पुलिस ने तुरंत एक्शन लेते हुए एनसीआरपी पोर्टल को सतर्क कर ठगी करने वाले के व्यक्ति के बैंक खाते के नोडल अधिकारी से बात कर ट्रांसफर हुए रुपये को फ्रीज कर दिया.
'आरोपियों ने खुद को बताया कानून प्रवर्तन'
पुलिस को दी शिकायत में पीड़ित ने बताया कि बुधवार को उसे एक कॉल आया. कॉल करने वाले व्यक्ति ने खुद के कानून प्रवर्तन अधिकारी होने का दावा करते हुए कहा कि उसके पास से फेडएक्स की खेप मिली है और उसके बैंक खाते में अवैध रूप से बड़ी मात्रा में पैसे मिले हैं. कॉल करने वाले जालसाज ने पीड़ित को गिरफ्तार करने की धमकी देते हुए उससे 39.88 लाख रुपये एक बैंक खाते में ट्रांसफर करना का दबाव डाला.
फ्रीज किया जालसाजों का बैंक खाता: फ्रीज
इसके बाद पीड़ित ने साइबर हेल्पलाइन 1930 पर कॉल कर घटना के बारे में जानकारी दी. शिकायत के बाद मुंबई पुलिस ने राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग (NCRP) पोर्टल को सतर्क किया और जालसाज के बैंक के नोडल अधिकारी से संपर्क किया और बैंक ने शिकायतकर्ता के खाते से ट्रांसफर हुए रुपये को तुरंत फ्रीज कर दिया. अधिकारी ने बताया कि शिकायत मिलने के बाद शिकायतकर्ता के खाते से निकाले गए पैसे बचा लिए हैं.
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