देश भर में कोरोना की रफ्तार तेज होती नजर आ रही है. ऐसे में सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र से आ रहे हैं. जहां एक दिन में अब हजारों की संख्या में संक्रमित पाए जा रहे हैं. इसी बीच बीते चौबीस घंटे में मुंबई में 20971 केस सामने आए हैं.
वहीं पूरे महाराष्ट्र की बात करें तो राज्य में शुक्रवार को 40,925 नए मामले सामने आए हैं. इसके अलावा शुक्रवार को राज्य से ओमिक्रॉन वैरिएंट का कोई नया मामला सामने नहीं आया है. हालांकि राज्य में अब तक ओमिक्रॉन वेरियंट से संक्रमित कुल 876 मरीज सामने आ चुके हैं.
इनमें से 435 मामलों में आरटी पीसीआर रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद छुट्टी दे दी गई. इसके अलावा, 1 नवंबर से आने वाले सभी अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की निगरानी जारी है. जानकारी के मुताबिक एयरपोर्ट और फील्ड सर्विलांस के जरिए 2742 सैंपल जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजे गए हैं.
धारावी ने बढ़ाई चिंता
वहीं धारावी में कोरोनावायरस से अत्यधिक संक्रमित लोग मिले हैं. धारावी में शुक्रवार को कोरोनावायरस के 150 नए मामले सामने आये हैं. यह अब तक का सबसे ज्यादा एक दिन का स्पाइक है. तीसरी लहर में कोरोनावायरस के कारण एशिया की सबसे बड़ी झुग्गियां प्रभावित हुई हैं. धारावी में अब सक्रिय मामलों की संख्या 558 पहुंच गयी है. बता दें कि गुरुवार को धारावी में एक दिन में 107 नए केस आए थे. ऐसे में धारावी कोरोनावायरस का हॉटस्पॉट हो सकता है.
मुंबई में अब तक करीब 310 से ज्यादा डॉक्टर संक्रमित
आपको बता दें कि इस वक़्त पूरे देश में कोरोना का कहर जारी है. एक तरफ जहां आम जनता कोरोना से संक्रमित हो रही है वही अब डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ पर भी इसकी मार देखने को मिल रही है. मुंबई में अस्पतालों में बड़ी संख्या में डॉक्टर कोरोना से संक्रमित हो रहे हैं. मुंबई में अब तक करीब 310 से ज्यादा डॉक्टर संक्रमित हो गए हैं. सायन अस्पताल में 98 डॉक्टर की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. जेजे अस्पताल में 83, KEM में 73 डॉक्टर संक्रमित मिले. नायर अस्पताल में भी 59 डॉक्टर कोरोना पॉजिटिव मिले.
डेढ़ लाख बिस्तरों की जरुरत पड़ सकती है
इसी बीच यूपी के कानपुर IIT के प्रोफेसर डॉक्टर मनिंद्र अग्रवाल ने कोरोना से जुड़े कई सवालों का जवाब दिया है. उनका कहना है कि आने वाले दिनों में रोजाना 4 से 8 लाख तक कोरोना के मरीज मिलेंगे. उन्होंने दावा किया कि अस्पतालों में इलाज के दौरान बेड की भी कमी होगी, इसलिए उचित प्रबंधन और योजना की जरुरत है. उन्होंने कहा कि पीक के दौरान डेढ़ लाख बिस्तरों की जरुरत पड़ सकती है.
प्रोफेसर अग्रवाल ने बताया कि साउथ अफ्रीका के डेटा पर आधारित हमारे पहले के अनुमान और इस अनुमान में अंतर है. उन्होंने कहा कि साउथ अफ्रीका का डेटा भारत से काफी अलग है. समय के साथ हम अनुमानों को अधिक सटीक बनाएंगे. उन्होंने कहा कि भारत के लिए भविष्यवाणी करना अधिक कठिन है. हमारा अनुमान है कि जनवरी के आखिरी सप्ताह या फिर फरवरी के शुरुआत में तीसरी लहर का पीक हो सकता है. इस दौरान 4 से 8 लाख केस प्रतिदिन आएंगे.
साहिल जोशी