'विजय सभा कहा था, लेकिन रुदाली भाषण हुआ', उद्धव-राज ठाकरे की रैली पर CM फडणवीस का तंज

फडणवीस ने मुंबई के विकास पर ठाकरे बंधुओं को घेरते हुए कहा कि 25 साल तक मुंबई महानगरपालिका उनके पास रही, लेकिन दिखाने लायक कोई काम नहीं हुआ. आज जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमने मुंबई का चेहरा बदला है. बीडीडी चॉल, अभ्युदय नगर, पत्रा चॉल में मराठी माणूस को उनका हक मिला तो उन्हें जलन हो रही है.

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महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस (फाइल फोटो) महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस (फाइल फोटो)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 05 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 12:24 PM IST

महाराष्ट्र की राजनीति में मराठी अस्मिता और सत्ता संघर्ष को लेकर एक बार फिर सियासी घमासान तेज हो गया है. 20 साल बाद राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे एक साथ नजर आए. अब दोनों भाइयों की साझा मराठी एकता रैली पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने तीखा हमला बोला है. फडणवीस ने कहा कि जिसे ‘विजय सभा’ कहा जा रहा था, वहां वास्तव में 'रुदाली भाषण' हुआ.

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इससे पहले दिन में ठाकरे भाइयों ने मुंबई में एक विजय रैली के मंच को साझा किया, जो राज्य सरकार द्वारा पहली कक्षा से ही स्कूलों में हिंदी को तीसरी भाषा के रूप में लागू करने वाले दो सरकारी प्रस्तावों (जीआर) को वापस लेने के फैसले का जश्न मनाने के लिए आयोजित की गई थी. सभा को संबोधित करते हुए राज ठाकरे ने हल्के-फुल्के अंदाज़ में कहा था कि जो काम बाल ठाकरे नहीं कर पाए, वो देवेंद्र फडणवीस ने कर दिखाया. उन्होंने हमें (राज और उद्धव) एक मंच पर ला दिया.

इस पर प्रतिक्रिया देते हुए फडणवीस ने कहा, "लगता है मुझे बालासाहेब ठाकरे का आशीर्वाद मिल रहा है. मुझे बताया गया था कि यह एक ‘विजय’ रैली होगी, लेकिन वहां तो ‘रुदाली’ भाषण हुआ. वहां मराठी की बात नहीं हुई, सिर्फ सत्ता की भूख दिखी. यह मराठी विजय नहीं, राजनीतिक रुदाली थी."

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फडणवीस ने मुंबई के विकास पर ठाकरे बंधुओं को घेरते हुए कहा कि 25 साल तक मुंबई महानगरपालिका उनके पास रही, लेकिन दिखाने लायक कोई काम नहीं हुआ. आज जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमने मुंबई का चेहरा बदला है. बीडीडी चॉल, अभ्युदय नगर, पत्रा चॉल में मराठी माणूस को उनका हक मिला तो उन्हें जलन हो रही है.

उन्होंने मराठी अस्मिता के मुद्दे पर भी अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा, "हम मराठी हैं, मराठी होने पर गर्व है. हम हिंदुत्ववादी हैं, हिंदू होने पर अभिमान है. मुंबई का मराठी हो या गैर-मराठी, सभी हमारे साथ हैं."

स्कूलों में हिंदी पर राज ठाकरे ने केंद्र पर साधा निशाना

राज ठाकरे ने केंद्र सरकार पर हमला करते हुए पूछा, “अचानक हिंदी पर इतना जोर क्यों दिया जा रहा है? ये भाषा का प्रेम नहीं, बल्कि एजेंडा है. हम पर हिंदी थोपने की कोशिश की जा रही है. हम ये बर्दाश्त नहीं करेंगे. जब हमारे बच्चे इंग्लिश मीडियम में पढ़ते हैं तो हमारे मराठीपन पर सवाल उठते हैं. लेकिन जब बीजेपी नेताओं ने मिशनरी स्कूलों में पढ़ाई की, तब उनके हिंदुत्व पर किसी ने उंगली नहीं उठाई. ये दोगलापन नहीं चलेगा.”

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मीरा रोड की घटना को तूल देना गलत: राज

राज ठाकरे ने हाल ही की मीरा रोड की घटना का ज़िक्र करते हुए कहा, "अगर झगड़े में किसी को थप्पड़ मारा गया और वो गुजराती निकला तो क्या करें? क्या माथे पर लिखा होता है कि वो कौन है? बिना वजह किसी पर हाथ मत उठाओ, लेकिन कोई ज़्यादा करे, तो चुप भी मत बैठो. और हां, मारपीट के वीडियो बनाना बंद करो. बिना वजह किसी को मत मारो, लेकिन अगर कोई गलती करता है, तो उसे सबक भी सिखाओ."

हम साथ रहने के लिए साथ आए हैं: उद्धव

रैली को संबोधित करते हुए उद्धव ने कहा कि हम (राज ठाकरे) साथ आए हैं, एक साथ रहने के लिए. हम एक साथ हैं, ये महत्वपूर्ण है. हमारे और राज के बीच जो अंतर था, वह कुछ लोगों ने दूर किया है. मराठी का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. ये लोग (बीजेपी-शिंदे गुट) यूज एंड थ्रो की पॉलिसी का इस्तेमाल करते हैं. अब हमारी बारी है. अब हम इन्हें उखाड़कर बाहर फेकेंगे. आप लोग सभी लोगों के स्कूल खोज रहे हैं. हिंदुत्व पर किसी एक का अधिकार नहीं है. हमें हिंदुत्व सिखाने की ज़रूरत नहीं है.

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