महाराष्ट्र की राजनीति में आज का दिन बेहद खास होने वाला है. शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) प्रमुख राज ठाकरे आज दोपहर को 12 बजे वर्ली के ब्लू सी बैक्वेंट में अपने गठबंधन का औपचारिक ऐलान करने जा रहे हैं. दोनों पार्टियों का ये गटबंधन बीएमसी चुनावों के लिए होगा, जहां दोनों पार्टियों एक बार फिर भगवा लहराने का संकल्प लेंगी. खबरें ये भी हैं कि इस गठबंधन में शरद पवार वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) को भी शामिल किया जा सकता है और शरद पवार को कितनी सीटें दी जाएगी इसका फॉर्मूला भी लगभग तय हो चुका है. उधर, एकनाथ शिंदे ने ठाकरे ब्रदर्स के साथ आने पर इसे स्वार्थ का गठबंधन करार दिया है.
सूत्रों ने बताया कि पहले मंगलवार को ही उद्धव और राज ठाकरे गठबंधन का औपचारिक ऐलान करने वाले थे, लेकिन खबर है कि NCP शरद पवार गुट के साथ सीट-बंटवारे के फॉर्मूले को अंतिम रूप देने के लिए इसे कल के लिए टाल दिया गया.
145 से 150 सीटों पर प्रत्याशी उतरने की तैयारी
सूत्रों के मुताबिक, 227 सीटों वाली मुंबई नगर निगम में MNS के 65 से 70 सीटों पर चुनाव लड़ने की उम्मीद है, जबकि शिवसेना UBT 145 से 150 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारने की तैयारी कर रही है.
वहीं, शरद पवार की अगुआई वाली एनसीपी को 10 से 12 सीटें दी जा सकती हैं. ठाकरे ब्रदर्स के बीच बातचीत में जीतने वाली सीटों पर बात नहीं अटकी थी, बल्कि ये तय करना मुश्किल हो रहा था कि कौन सी पार्टी 35 मुश्किल सीटों पर चुनाव लड़ेगी. बताया जा रहा है कि दादर, वर्ली, सेवरी और माहिम जैसे प्रमुख मराठी इलाकों को लेकर ज्यादातर विवाद सुलझ गया है. ठाकरे ब्रदर्स 6 से 8 संयुक्त रैलियां करने की योजना बना रहे हैं, जिसमें मुंबई में तीन बड़े कार्यक्रम शामिल हैं.
महाराष्ट्र की राजनीति को नई दिशा
शिवसेना (यूबीटी) के विधायक अनिल परब ने कहा, 'ये गठबंधन महाराष्ट्र की राजनीति को नई दिशा देगा. हम बीएमसी में फिर से ठाकरे ब्रांड की चमक लौटाएंगे.' हालांकि, इस गठबंधन पर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है.
शिंदे ने इसे स्वार्थ का गठबंधन करार देते हुए कहा, 'दोनों ठाकरे भाई कुर्सी के लिए एक साथ आ रहे हैं, जबकि हम विकास और विचारधारा के लिए साथ हैं. उद्धव-राज के शासन में मुंबईकर बाहर जाने को मजबूर हुए थे, हम उन्हें वापस लाएंगे.'
उन्होंने दावा, 'बीएमसी समेत 29 महानगरपालिका चुनावों में महायुति प्रचंड जीत हासिल करेगी.'
मामू समीकरण के भरोसे उद्धव-राज
सूत्रों का कहना है कि उद्धव और राज ठाकरे मामू समीकरण यानी मराठी-मुस्लिम कॉम्बिनेशन पर भरोसा करते हुए बीएमसी का सियासी रण जीतने की प्लानिंग कर रहे हैं. मुंबई में बीएमसी की कुल 227 सीटों में से 72 मराठी बहुल और 41 मुस्लिम बहुल वार्ड हैं.
इससे पहले राज ठाकरे और उद्धव की नजदीकियों की वजह से बीएमसी चुनाव में कांग्रेस ने अलग रास्ता अपनाते हुए अकेले चुनाव लड़ने का मन बना लिया है. हालांकि, महाराष्ट्र में MVA को एकजुट रखने के लिए शिवसेना यूबीटी हर संभव कोशिश कर रही है.
ठाकरे ब्रदर्स का एक साथ आना दोनों के लिए जरूरी भी है और मजबूरी भी, क्योंकि पिछले कई चुनाव के साथ निकाय चुनाव में भी दोनों की पार्टियों का बेहद खराब प्रदर्शन रहा था, जिसके बाद दोनों भाइयों को समझ आ गया कि अगर अपना सियासी वजूद बचाना है और ठाकरे ब्रांड को दोबारा चमकाना है तो मराठी अस्मिता के नाम पर दोनों को साथ में आना ही होगा.
अकेले लड़ेगी कांग्रेस
इस गठबंधन की वजह से कांग्रेस ने बीएमसी चुनाव में अकेले लड़ने का फैसला किया है, हालांकि महाराष्ट्र विकास आघाडी (एमवीए) को एकजुट रखने के लिए शिवसेना (यूबीटी) प्रयासरत है. संजय राउत ने दावा किया कि बीएमसी में फिर से ठाकरे ब्रांड का जलवा दिखेगा.
पवार परिवार में भी अटकलें तेज
उद्धव और राज के साथ आने के वक्त एक बार फिर से शरद पवार और अजित पवार के साथ आने की अटकलें लगाई जा रहीं हैं, क्योंकि दोनों पार्टियों ने अपने गढ़ पुणे में स्थानीय स्तर पर साथ चुनाव लड़ने की शुरुआत की है. इसलिए लग रहा है कि पुणे नगर निगम के बहाने अजित पवार और शरद पवार एक साथ आ सकते हैं, लेकिन इस संभावित एकता के बीच पार्टी के अंदर ही जबरदस्त ड्रामा देखने को मिल रहा है.
संभावना जताई जा रही है कि बीजेपी को रोकने के लिए अजित पवार की एनसीपी और शरद पवार की एनसीपी एक साथ चुनाव लड़ें, क्योंकि इस पर अब जमीनी स्तर पर बैठकों की शुरुआत हो चुकी है. आज पुणे स्तर पर पहली बार दोनों गुटों की औपचारिक बैठक हुई.
इससे पहले शरद पवार ये साफ कर चुके हैं कि पार्टी के भविष्य और विलय को लेकर फैसला अजित पवार और सुप्रिया सुले लेंगे.
सुप्रिया सुले ने कहा कि उन्होंने जो भी कहा होगा सोच-समझकर कहा होगा, लेकिन मेरी उनसे इस बारे में कोई बातचीत नहीं हुई है. मुझसे किसी ने इस विषय पर बात नहीं की... प्रशांत जगताप से मेरी बात हुई है, लेकिन बाकी किसी से नहीं.
अजित का गठबंधन से इनकार
वहीं, अजित पवार भी खुले तौर पर गठबंधन की संभावना से इनकार नहीं कर रहे. उन्होंने कहा कि अगर कुछ समन्वय हो सकता है तो देखना चाहिए… वोटों का बंटवारा नहीं हुआ तो जीत आसान होती है. वोटों के विभाजन से बचने के लिए हर कोई कोशिश करता है. स्थानीय स्तर पर शहर अध्यक्ष इस पर फैसला लेंगे.
पर इस पूरी प्रक्रिया में सबसे बड़ा ट्विस्ट तब आया जब शरद पवार गुट के पुणे शहर अध्यक्ष प्रशांत जगताप ने कह दिया कि अगर दोनों एनसीपी एक साथ आईं तो शरद पवार गुट को नुकसान होगा.
जगताप ने यहां तक कह दिया कि अगर गठबंधन हुआ तो वो शहर अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे देंगे, जिसके बाद वो सुप्रिया सुले से मिलने के लिए मुंबई रवाना हो गए.
नामांकन प्रकिया शुरू
उधर, महाराष्ट्र में बीएमसी समेत 29 नगर निगम चुनाव के लिए नामांकन की प्रक्रिया आज से शुरू हो गई है. ठाकरे और पवार परिवारों की इन गतिविधियों से सियासी समीकरण तेजी से बदल रहे हैं. सभी की नजरें अब शरद पवार के 'पावर गेम' पर टिकी हैं जो दशकों से महाराष्ट्र की राजनीति के केंद्र में रहे हैं.
आजतक ब्यूरो