BMC चुनाव से पहले मुंबई में हिंदू मूल्यों पर टकराव! उद्धव ने लगाए आरोप तो बीजेपी-शिंदे गुट ने किया पलटवार

दशहरा रैली में ठाकरे ने बीजेपी पर फेक हिंदुत्व का आरोप लगाया और उनके हिंदू मूल्यों के प्रति समर्पण पर सवाल उठाए. बीजेपी के मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले और शिंदे-गुट के नेता उदय सामंत ने सीधे ठाकरे को चुनौती दी. विशेषज्ञों का कहना है कि दोनों पक्षों के बीच इस तरह की बयानबाजी यह दर्शाती है कि आगामी चुनाव में धार्मिक और विचारधारात्मक पहचान चुनावी बहस का मुख्य केंद्र होगी.

Advertisement
शिंदे गुट के नेता उदय सामंत ने ठाकरे के आरोपों को कीचड़ उछालना करार दिया. (File Photo- PTI) शिंदे गुट के नेता उदय सामंत ने ठाकरे के आरोपों को कीचड़ उछालना करार दिया. (File Photo- PTI)

ऋत्विक भालेकर

  • मुंबई,
  • 03 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 8:20 PM IST

मुंबई में आगामी BMC चुनाव से पहले शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने एक बार फिर सियासी बहस छेड़ दी है. दशहरा रैली में ठाकरे ने बीजेपी पर फेक हिंदुत्व का आरोप लगाया और उनके हिंदू मूल्यों के प्रति समर्पण पर सवाल उठाए. ठाकरे ने बीजेपी के हिंदू-मुस्लिम मामलों में विरोधाभासी रवैये और एकनाथ शिंदे गुट के साथ उनके गठबंधन पर भी तंज कसा.

Advertisement

ठाकरे के इस बयान पर महाराष्ट्र की सत्ता पक्ष की तरफ से तीखी प्रतिक्रिया आई. बीजेपी के मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले और शिंदे-गुट के नेता उदय सामंत ने सीधे ठाकरे को चुनौती दी. बावनकुले ने ठाकरे पर कांग्रेस के साथ खड़े होने का आरोप लगाया और कहा कि उनके यह कदम वीर सावरकर के सम्मान के खिलाफ हैं. उन्होंने पूछा कि ठाकरे ने अपने भाषण में कांग्रेस के खिलाफ कोई बात क्यों नहीं की. वे (उद्धव) अपने पिता की विचारधारा को छोड़कर कांग्रेस के गोद में बैठ गए हैं.

वहीं, शिंदे गुट के नेता उदय सामंत ने ठाकरे के आरोपों को कीचड़ उछालना करार दिया. सामंत ने कहा कि उनके नेता एकनाथ शिंदे ने पहले ही अपनी रैली में उचित जवाब दे दिया है. उन्होंने यह भी कहा कि ठाकरे के पास अब केवल ऐसे आरोप लगाने का ही रास्ता बचा है, जो उनकी राजनीतिक प्रासंगिकता को बनाए रखने का प्रयास है.

Advertisement

विशेषज्ञों का कहना है कि दोनों पक्षों के बीच इस तरह की बयानबाजी यह दर्शाती है कि आगामी चुनाव में धार्मिक और विचारधारात्मक पहचान चुनावी बहस का मुख्य केंद्र होगी. BMC चुनाव, जो एशिया की सबसे धनी नगर निगम है, में हिंदुत्व और राजनीतिक अवसरवाद की यह लड़ाई बेहद अहम मानी जा रही है. इससे यह स्पष्ट है कि उद्धव ठाकरे और शिंदे-बीजेपी गठबंधन के बीच आगामी चुनावी जंग सिर्फ राजनीतिक नहीं, बल्कि विचारधारात्मक मुद्दों पर भी आधारित होगी.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement