महाराष्ट्र में बीएमसी सहित 29 नगर निगमों के चुनाव के ऐलान के साथ ही सियासी समीकरण और गठजोड़ बनाए जाने लगे हैं. देवेंद्र फडणवीस की अगुवाई वाली 'महायुति सरकार' में भले ही डिप्टी सीएम अजित पवार शामिल हैं, लेकिन नगर निगम चुनाव में बीजेपी ने उनसे पूरी तरह किनारा कर लिया है.
बीजेपी ने बीएमसी और बाकी के नगर निगम चुनाव एकनाथ शिंदे की शिवसेना के साथ मिलकर लड़ने का फैसला किया है. बीजेपी ने अजित पवार के साथ 'फ्रेंडली फाइट' करने की प्लानिंग की है. ऐसे में अजित पवार की अपने चाचा शरद पवार के साथ नजदीकियां बढ़ रही हैं, जिसे देखते हुए उद्धव ठाकरे की पार्टी शिवसेना (यूबीटी) अलर्ट हो गई है.
शिवसेना (यूबीटी) ने शरद पवार से साफ कह दिया है कि अगर वे नगर निगम चुनाव में अजित पवार के साथ गठबंधन करते हैं, तो शिवसेना (यूबीटी) एनसीपी (एसपी) के साथ सारे रिश्ते तोड़ लेगी. इस तरह उद्धव की सेना ने शरद पवार को अल्टीमेटम दे दिया है, देखना यह है कि शरद पवार अब क्या सियासी दांव चलते हैं.
क्या बिखर गया महाविकास अघाड़ी?
महाराष्ट्र में विपक्षी गठबंधन 'महाविकास अघाड़ी' में शिवसेना (यूबीटी), शरद पवार की एनसीपी (एसपी) और कांग्रेस शामिल हैं. राज ठाकरे के साथ उद्धव ठाकरे के मिलकर चुनाव लड़ने की चर्चाओं के बीच कांग्रेस ने अकेले किस्मत आजमाने का फैसला किया है, ऐसे में शरद पवार भी अपने पत्ते नहीं खोल रहे हैं. शरद पवार महाविकास अघाड़ी के साथ नगर निगम का चुनाव लड़ेंगे या नहीं, इस पर अभी तस्वीर साफ नहीं है.
बीएमसी चुनाव को लेकर राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे के बीच सीट शेयरिंग पर बातचीत शुरू हो गई है. संजय राउत ने कहा, "राज ठाकरे के साथ हमारी बातचीत फाइनल है. शरद पवार अभी मुंबई में नहीं हैं, लेकिन जब आएंगे तो उनसे बातचीत करेंगे. इस समय मुंबई के बाहर उनकी गैर-मौजूदगी निश्चित रूप से बहुत मायने रखती है. अजित पवार और शरद पवार के बीच क्या खिचड़ी पक रही है, यह बताना उन्हीं पर निर्भर है.
पवार परिवार में दिख रही एकता
राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे की सियासी केमिस्ट्री से कांग्रेस अलग-थलग पड़ गई है. वहीं, शरद पवार की पार्टी का स्टैंड भी स्पष्ट नहीं है कि वह नगर निगम चुनाव किसके साथ मिलकर लड़ेगी. बीजेपी ने पुणे और पिंपरी-चिंचवड़ नगर निगम चुनाव में अजित पवार के साथ हाथ मिलाने से साफ मना कर दिया है. ऐसे में चर्चा है कि अजित पवार और शरद पवार मिलकर अपने सियासी दुर्ग को बचाने की कवायद कर सकते हैं.
हाल ही में शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले और अजित पवार के बीच भी कड़वाहट कम हुई है. यही नहीं, रोहित पवार भी अजित पवार के निकट आए हैं. सुप्रिया सुले अब कई मुद्दों पर अजित पवार का बचाव करती दिख रही हैं. नगर पालिका परिषद चुनाव में भी अजित पवार की पार्टी को कई जगह शरद पवार की पार्टी का समर्थन मिला है. यही वजह है कि शिवसेना (यूबीटी) अलर्ट हो गई है और उसने शरद पवार को सियासी संदेश दे दिया है.
शरद पवार को उद्धव का अल्टीमेटम
उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी के नेता सचिन अहीर ने कहा कि यदि शरद पवार की पार्टी नगर निगम चुनाव में अजित पवार की पार्टी के साथ हाथ मिलाती है, तो वे उनके साथ गठबंधन नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि शिवसेना (यूबीटी) पुणे नगर निगम (PMC) चुनावों के लिए गठबंधन बनाने हेतु शरद पवार की पार्टी के साथ बातचीत कर रही है. ऐसे में यदि शरद पवार की पार्टी अजित पवार के साथ गठबंधन करती है, तो हमारा साथ नहीं रहेगा.
सचिन अहीर ने शरद पवार की पार्टी को अल्टीमेटम देते हुए कहा कि हमें शरद पवार की पार्टी ने भरोसा दिलाया है कि वे अजित पवार की एनसीपी के साथ गठबंधन नहीं करेंगे. सोमवार को इस संबंध में बातचीत होगी. शिवसेना नेता संजय राउत पहले ही कह चुके हैं कि नगर निगम चुनाव में अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी के साथ शरद पवार की पार्टी का गठबंधन करना, एक तरह से बीजेपी के साथ हाथ मिलाने जैसा होगा.
संजय राउत ने कहा कि वे खुद शरद पवार से मिलेंगे और पुणे नगर निकाय चुनावों के लिए बातचीत करेंगे. इसकी वजह यह है कि पुणे और पिंपरी-चिंचवड़ नगर निगम चुनाव में अजित पवार और शरद पवार की पार्टी के बीच गठबंधन की चर्चा है. महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि बीजेपी और एनसीपी पुणे एवं पिंपरी-चिंचवड़ नगर निगमों में गठबंधन नहीं करेंगे; वहां बीजेपी अजित पवार के साथ 'फ्रेंडली फाइट' करेगी.
कुबूल अहमद