‘प्रिया... मुझे माफ कर दो...’ 52 साल के बैंक मैनेजर ने ऑफिस में ही फांसी लगाकर दी जान, सुसाइड नोट में बयां किया दर्द

महाराष्ट्र के बारामती में बैंक ऑफ बड़ौदा शाखा के मुख्य प्रबंधक ने बैंक में सुसाइड कर लिया. पुलिस को मौके से एक सुसाइड नोट मिला है, जिसमें वरिष्ठ अधिकारियों की प्रताड़ना और काम का दबाव की बात लिखी है. पांच दिन पहले मृतक ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति का अनुरोध भी किया था, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई.

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बैंक मैनेजर ने ऑफिस में लगाई फांसी, जांच में जुटी पुलिस. (Photo: Representational) बैंक मैनेजर ने ऑफिस में लगाई फांसी, जांच में जुटी पुलिस. (Photo: Representational)

वसंत मोरे

  • बारामती,
  • 19 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 2:34 PM IST

महाराष्ट्र के बारामती में सनसनीखेज घटना सामने आई है. यहां बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य प्रबंधक ने बैंक में ही फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. बैंक मैनेजर के शव के साथ एक सुसाइड नोट मिला है, जिसमें सीनियर अफसरों की प्रताड़ना से तंग आकर सुसाइड की बात लिखी है. घटना की सूचना के बाद बारामती पुलिस मौके पर पहुंची और जायजा लिया. पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है.

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जानकारी के अनुसार, बारामती बैंक शाखा के मुख्य प्रबंधक शिवशंकर मित्रा ने रात के समय बारामती में स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा शाखा में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. इससे पहले उन्होंने बैंक में सुसाइड नोट भी लिखा था. इस घटना के बारे में जैसे ही पता चला तो हड़कंप मच गया.

पुलिस के अनुसार, मृतक की पहचान शिवशंकर मित्रा के रूप में हुई है. उनकी उम्र 52 साल थी और यूपी के प्रयागराज के रहने वाले थे. शिवशंकर ने पांच दिन पहले बैंक से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति का अनुरोध किया था, लेकिन मैनेजमेंट की ओर से कोई रिप्लाई नहीं मिला था.

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घटना के बारे में सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और जायजा लिया. पुलिस को मौके से सुसाइड नोट मिला है, जिसमें लिखा है- मैं शिवशंकर मित्रा, मुख्य प्रबंधक बैंक ऑफ बड़ौदा बारामती, बैंक के अतिरिक्त दबाव के कारण आत्महत्या कर रहा हूं. बैंक से अनुरोध करता हूं कि वह कर्मचारियों पर अतिरिक्त दबाव न डाले. हर कोई अपनी जिम्मेदारियों के प्रति जागरूक है और अपना 100 प्रतिशत योगदान देता है.

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नोट में आगे लिखा है- मैं नशे में नहीं हूं. अपनी इच्छा से आत्महत्या कर रहा हूं. मेरे परिवार का कोई दोष नहीं है. किसी को भी जिम्मेदार नहीं ठहराया जाना चाहिए. मैं बैंक के भारी दबाव के कारण ही आत्महत्या कर रहा हूं. अपनी पत्नी को संबोधित करते हुए लिखा- प्रिया, मुझे माफ़ कर दो. मृतक ने यह भी लिखा कि यदि संभव हो तो मेरी आंखें दान कर दें. फिलहाल पुलिस इस पूरे मामले की जांच में जुटी है.

नोट:- (अगर आपके या आपके किसी परिचित के मन में आता है खुदकुशी का ख्याल तो ये बेहद गंभीर मेडिकल इमरजेंसी है. तुरंत भारत सरकार की जीवनसाथी हेल्पलाइन 18002333330 पर संपर्क करें. आप टेलिमानस हेल्पलाइन नंबर 1800914416 पर भी कॉल कर सकते हैं. यहां आपकी पहचान पूरी तरह से गोपनीय रखी जाएगी और विशेषज्ञ आपको इस स्थिति से उबरने के लिए जरूरी परामर्श देंगे. याद रखिए जान है तो जहान है.)

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