सरकार के खिलाफ अन्ना करेंगे आमरण अनशन, मनाने के लिए केंद्रीय मंत्री जा रहे रालेगण सिद्धि

आमरण अनशन को रोकने के लिए केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी अन्ना हजारे को मनाने 29 जनवरी को रालेगण सिद्धि पहुंचेंगे. पिछले कुछ दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष हरीभाऊ बागडे, पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस समेत बीजेपी नेता राधाकृष्ण विखे पाटील, अहमदनगर के सांसद सुजय विखे पाटील और राज्य के विरोधी दल के नेता अन्ना को मनाने रालेगण सिद्धि आ चुके हैं.

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समाजसेवी अन्ना हजारे समाजसेवी अन्ना हजारे

पंकज खेळकर

  • मुंबई ,
  • 29 जनवरी 2021,
  • अपडेटेड 11:45 AM IST
  • सरकार के खिलाफ अन्ना करेंगे आमरण अनशन
  • मनाने के लिए केंद्रीय मंत्री जा रहे रालेगण सिद्धि
  • स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू करने की मांग

किसान आंदोलन के बीच समाजसेवी अन्ना हजारे केंद्र सरकार के खिलाफ 30 जनवरी से आमरण अनशन शुरू करने जा रहे हैं. अन्ना हजारे का कहना है कि 2018 से केंद्र सरकार से वह विनती कर रहे हैं कि स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू की जाएं. लेकिन सरकार ने इन मांगों को तवज्जो नहीं दी. जिस कारण 30 जनवरी से सरकार के खिलाफ उनका आमरण अनशन शुरू होगा. बता दें कि अन्ना हजारे का ये अनशन रालेगण सिद्धि के यादव बाबा मंदिर में होगा. हालांकि सरकार उनको मनाने की कोशिश में जुटी है. 

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अन्ना को मनाने की कोशिश 

बता दें कि आमरण अनशन को रोकने के लिए केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी अन्ना हजारे को मनाने 29 जनवरी को रालेगण सिद्धि पहुंचेंगे. पिछले कुछ दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष हरीभाऊ बागडे, पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस समेत बीजेपी नेता राधाकृष्ण विखे पाटील, अहमदनगर के सांसद सुजय विखे पाटील और राज्य के विरोधी दल के नेता अन्ना को मनाने रालेगण सिद्धि आ चुके हैं. हालांकि, उनकी बातचीत का कोई रास्ता नहीं निकला. अन्ना स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें, एमएसपी की मांग पर अड़े हैं. 

उधर, दिल्ली में देवेंद्र फडवणीस और गिरीश महाजन ने कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर से बात कर एक ट्राफ्ट आज अन्ना हजारे को दिया है. अन्ना उसको देखने के बाद उसमें जो कमियां हैं, उसे कृषि मंत्री तोमर को भेजेंगे. अगर सरकार उसपर हामी भरेगी तो शायद अन्ना अपना अनशन पीछे ले सकते हैं. 

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किसानों का आंदोलन भी है जारी 

गौरतलब है कि पिछले 2 महीनों से दिल्ली बॉर्डर पर किसान तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं. 26 जनवरी को दिल्ली के लाल किले और आसपास के इलाकों में हुई हिंसा के बाद अब अन्ना हजारे ने भी सरकार के खिलाफ आमरण अनशन का ऐलान कर दिया है. ऐसे में सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. 

अन्ना हजारे की अपील 

वहीं, अन्ना ने अपने कार्यकर्ताओं और समर्थकों से गुजारिश की है कि आंदोलन में हिंसा नहीं होनी चाहिए. 26 जनवरी को दिल्ली में हुई हिंसा पर अन्ना ने दुख जताते हुए कहा, 'दिल्ली में जो किसान आंदोलन शुरू हैं, इसमें 26 जनवरी के दिन जो घटना हुई है, उससे हम सब दुखी हैं. मैं हमेशा अहिंसात्मक और शांतिपूर्ण आंदोलन चाहता हूं. पिछले 40 सालों में मैंने कई बार आंदोलन किया है. लोकपाल आंदोलन हुआ तो लाखों की संख्या में लोग शामिल हुए थे लेकिन किसी ने एक पत्थर तक नहीं उठाया. शान्ति किसी भी आंदोलन की शक्ति होती है. यह गांधीजी ने हमें सिखाया है. 

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क्या है स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें? 

स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों में कृषिमूल्य आयोग को संवैधानिक दर्जा तथा स्वायत्तता देना शामिल है. इसके साथ ही कृषि उपज को लागत मूल्य पर 50% बढ़ाकर सी-2 में 50% मिलाकर MSP देने के बारे में उच्चाधिकार समिति का गठन करने का आश्वासन दिया गया था. अन्ना के मुताबिक, केंद्र सरकार ने इनका अनुपालन नहीं किया, इसलिए वह आंदोलन करने जा रहे हैं. 

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