'बिहार सरकार कर सकती है तो महाराष्ट्र सरकार क्यों नहीं?', अजित पवार ने की जातिगत जनगणना की मांग

महाराष्ट्र में विरोधी पक्ष नेता अजित पवार ने कहा कि बिहार में जिस तरह से जाति आधारित जनगणना हो रही है, वैसे ही महाराष्ट्र में भी होनी चाहिए. बिहार सरकार अगर कर सकती है तो महाराष्ट्र सरकार क्यों नहीं कर सकती. महाराष्ट्र सरकार ने एडवरटाइजिंग के लिए 50 करोड़ रुपये खर्च किए हैं.

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अजित पवार ने शिंदे सरकार पर जमकर साधा निशाना अजित पवार ने शिंदे सरकार पर जमकर साधा निशाना

दीपेश त्रिपाठी

  • मुंबई,
  • 26 फरवरी 2023,
  • अपडेटेड 5:16 PM IST

महाराष्ट्र में बजट सत्र से पहले विधानभवन में विरोधी पक्ष नेता अजित पवार की अध्यक्षता में विपक्षी दलों के नेताओं की बैठक हुई. इस मौके पर विधानसभा में विपक्ष के नेता अजीत पवार, विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे, वरिष्ठ नेता छगन भुजबल, उद्धव ठाकरे गुट के नेता आदित्य ठाकरे, अनिल परब, सचिन अहीर, अजय चौधरी और अन्य नेता बैठक में मौजूद थे. वहीं कांग्रेस पार्टी के नेता बैठक में शामिल नहीं हो सके, क्योंकि वे रायपुर, छत्तीसगढ़ में आयोजित राष्ट्रीय अधिवेशन में हिस्सा लेने पहुंचे हैं. हालांकि बताया जा रहा है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बालासाहेब थोराट और अन्य नेताओं ने अजीत पवार से फोन पर बात की और बैठक के फैसलों के लिए समर्थन व्यक्त किया.

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बैठक के बारे में अजीत पवार ने कहा कि जिस तरह बिहार में जातिगत आधारित जनगणना हो रही है, वैसे ही महाराष्ट्र में भी होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में कई ऐसे मुद्दे हैं, जिन पर आज बैठक में चर्चा हुई. किसान कर्ज मुद्दा,आत्महत्या मामला और अन्य कई विषय पर चर्चा हुई. महाराष्ट्र के सोलापुर जिला के बोरगांव बारशी गांव के किसान राजेंद्र तुकाराम चव्हाण को 500 किलो प्याज मंडी में गाड़ी भाड़ा, तुलाई और मजदूरी का पैसा काटने के बाद मात्र 2 रुपए का चेक मिला. ये बहुत ही दुर्गभागपूर्ण है. सरकार को इस पर सोचना चाहिए. किसानों पर अत्याचार हो रहा है.

उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में कानून व्यवस्था की क्या हालत है, सब जानते हैं. राज्य में कानून व्यवस्था बहुत ही खराब है. हमारे लोगों को मारने की धमकी आ रही है. संजय राउत, आदित्य ठाकरे, अशोक चव्हाण और अन्य नेता को धमकी मिल रही है और इन पर हमला हो रहा है. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री क्या कर रहे हैं. कस्बा और पिंपरी चिंचवाड़ उपचुनाव के प्रचार में व्यस्त हैं. उन्हें राज्य की कानून व्यवस्था पर भी ध्यान देना चाहिए. एकनाथ शिंदे के शिवसेना छोड़ने के बाद लोगों के मन में उनके खिलाफ बहुत ही गुस्सा है. लोगों में आक्रोश है. 

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'मुख्यमंत्री के बंगले पर खाने-पीने का बिल 2 करोड़ 68 लाख'

अजीत पवार ने आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री के बंगले पर खाने पीने का बिल 4 महीने का 2 करोड़ 68 लाख रुपये है. क्या मुख्यमंत्री के बंगले पर चाय में किसी प्रकार की सोने की चीज डाल कर देते हैं. पवार ने आरोप लगाया कि एनसीपी के नेता और विधायक जितेंद्र आव्हाड को ठाणे महानगरपालिका के सहायक आयुक्त (असिस्टेंट कमिश्नर) महेश आहेर धमकी देते हैं और उनका अंडरवर्ल्ड के साथ लिंक सामने आया. लेकिन सरकार ने ऐसे सरकारी अधिकारी के खिलाफ किसी प्रकार का कोई एक्शन या कार्रवाई नहीं की.

'महाराष्ट्र में भी हो जाति आधारित जनगणना'

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के चाय-पानी कार्यक्रम का हम बहिष्कार कर रहे हैं. उद्धव ठाकरे के पास से चुनाव चिह्न और नाम जाने पर अजीत पवार ने कहा कि उद्धव ठाकरे का बार्गेनिंग पावर अब और मजबूत हो जायेगा और उनके लिए लोगों के मन में और सहनभूति बढ़ जाएगी. बिहार में जिस तरह से जाति आधारित जनगणना हो रही है, वैसे ही महाराष्ट्र में भी होनी चाहिए. बिहार सरकार अगर कर सकती है तो महाराष्ट्र सरकार क्यों नहीं कर सकती. महाराष्ट्र सरकार ने एडवरटाइजिंग के लिए 50 करोड़ रुपये खर्च किए हैं.

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