कोविड गाइडलाइंस उल्लंघन मामले में क्या बोले कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, पढ़ें पूरा इंटरव्यू

कोविड गाइडलाइन के उल्लंघन के मामले में ग्वालियर के पड़ाव थाने में एफआईआर दर्ज होने के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से आजतक संवाददाता रवीश पाल सिंह ने बात की और तमाम मुद्दों को लेकर उनसे सवाल पूछे... 

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आजतक से नरेंद्र सिंह तोमर की खास बातचीत (फाइल फोटो) आजतक से नरेंद्र सिंह तोमर की खास बातचीत (फाइल फोटो)

रवीश पाल सिंह

  • भोपाल,
  • 25 अक्टूबर 2020,
  • अपडेटेड 9:25 AM IST
  • कोविड गाइडलाइन के उल्लंघन के मामले में एफआईआर दर्ज
  • ग्वालियर के आशीष प्रताप सिंह ने दायर की थी याचिका
  • केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने आजतक से की बात

केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के खिलाफ कोविड गाइडलाइंस के उल्लंघन के मामले में ग्वालियर के पड़ाव थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है. यह एफआईआर हाई कोर्ट में शुक्रवार को प्रतिवेदन रिपोर्ट पेश करने के तुरंत पहले प्रशासन ने दर्ज कराई. दरअसल ग्वालियर के आशीष प्रताप सिंह ने उपचुनाव के दौरान भीड़ जुटाने और कोविड गाइडलाइन के उल्लंघन को लेकर जनहित याचिका दायर की थी. एफआईआर दर्ज होने के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से आजतक संवाददाता रवीश पाल सिंह ने बात की और तमाम मुद्दों को लेकर उनसे सवाल पूछे... 

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कोविड गाइडलाइन के उल्लंघन के मामले में एफआईआर दर्ज होने पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस समय कोरोनावायरस का संकट है. कोरोना के प्रोटोकॉल का पालन हो और उस पर जो कोर्ट के निर्देश है, उसका पालन हो यह सब के लिए आवश्यक है. लेकिन इसके साथ ही यह भी तय है कि 3 नवंबर को चुनाव है तो उसी में से रास्ता निकालकर प्रोटोकॉल का पालन करते हुए हम लोग कोशिश कर रहे हैं कि जनता के पास जाएं.  

डिजिटल रैली क्यों नहीं करते?
यह बात ठीक है कि वर्चुअल रैली भी एक विकल्प है लेकिन कई गांव ऐसे होते हैं जहां वर्चुअल रैली नहीं की जा सकती. वहां नेटवर्क की समस्या होती है और हर गांव वाले के पास स्मार्टफोन हो यह भी जरूरी नहीं है. ऐसे में वह वर्चुअल रैली से जुड़ भी नहीं पाते. यही वजह है कि फिजिकली वहां जाना जरूरी होता है. दूसरी तरफ लोगों के मन में यह बात भी रहती है कि चुनाव में प्रत्याशी या पार्टी के दूसरे नेता उनके इलाके में जरूर आएं.

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ग्वालियर-चंबल संभाग के नेता होने पर
मैं भारतीय जनता पार्टी का कार्यकर्ता हूं. काम तो मैं पूरे मध्यप्रदेश में करता हूं. मध्य प्रदेश की अनेक जिम्मेदारियों को निभाने का मौका मुझे मिला है. लेकिन मैं जिस क्षेत्र का रहने वाला हूं उस क्षेत्र में मेरी अपनी जवाबदेही भी है और उस जवाबदेही को निभाने में मैं तो मेहनत कर ही रहा हूं. लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया और बाकी सभी लोग जो काम कर रहे हैं उससे पार्टी को आने वाले चुनाव में फायदा मिल रहा है.

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सिंधिया बीजेपी में कितने घुल-मिल गए हैं?
ज्योतिरादित्य सिंधिया बहुत समझदार राजनेता हैं और अच्छे परिवार के हैं. केंद्र सरकार का और पार्लियामेंट का अनुभव उनको है और उन्होंने योजनाबद्ध तरीके से सोच समझकर बीजेपी की सदस्यता ली है. वह भारतीय जनता पार्टी में रचने बसने के लिए पूरी तरह प्रयास कर रहे हैं और मुझे आशा है कि वह सफल होंगे. उनकी दादी मां उनके पूज्य पिताजी उनकी बुआ, सब बीजेपी में ही हैं. इसलिए बीजेपी से इनका संबंध पुराना रहा है. तो यह कोई नया परिवार नहीं है. उनके लिए ऐसा ही भाव उनके मन में भी है और बीजेपी कार्यकर्ताओं के मन में भी यही भाव है.

क्या कृषि सुधार कानून पर हो रही है राजनीति?
कृषि सुधार बिल मोदी सरकार लेकर आई है. इन बिलों के क्रियान्वयन के बाद किसानों के जीवन में क्रांतिकारी परिवर्तन होंगे. इससे किसान को उसके उत्पादन का वाजिब दाम मिलेगा. वे अपनी फसल बेचने के लिए स्वतंत्र होंगे. खरीद और बिक्री पर टैक्स नहीं लगेगा. इसके साथ ही महंगी फसलों की ओर किसान आकर्षित होंगे. किसान टेक्नोलॉजी से जुड़ेगा. जो लोग इस बिल का विरोध कर रहे हैं वह राजनीतिक दृष्टि से ऐसा कर रहे हैं. जो कानून लाने का प्रयास भी कर रहे हैं कांग्रेस शासित राज्य जैसे पंजाब ने कानून पारित किया है उस कानून का हम बारीकी से अध्ययन कर रहे हैं. इसके बाद जो किसान के हित में होगा वही करेंगे.

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ग्वालियर-चंबल संभाग में बीजेपी के प्रचार का क्या हाल है?
यह चुनाव भारतीय जनता पार्टी 28 सीटों पर पूरी ताकत से लड़ रही है और सारे कार्यकर्ता लग गए हैं. मैं अनेक स्थानों पर हो कर आया हूं. मैं पूरा आश्वस्त हूं कि भारतीय जनता पार्टी जीतेगी और शिवराज सिंह चौहान सरकार एक स्थाई सरकार के रूप में तब्दील होगी.

सिंधिया को गद्दार कहने पर क्या बोले तोमर? 
जो बात कही जा रही है गद्दारी, गद्दारी जैसा विषय कुछ है नहीं. सिंधिया जी ने जो निर्णय लिया वह अन्याय का प्रतिकार करने के लिए किया, जो जनता के साथ वादाखिलाफी की जा रही थी, उसके कारण उन्होंने यह फैसला किया. यहां के लोग इसे अच्छे से जानते हैं और मैं कांग्रेस के लोगों से कहना चाहता हूं कि इस हल्की बात से क्या फायदा. आप तो यह बताओ आपने डेढ़ साल में क्या किया? कोई गद्दार है या नहीं पार्टी छोड़ी या नहीं इन सब चीजों से क्या फर्क पड़ने वाला है.. 
 

 

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