मध्य प्रदेश की 28 विधानसभा सीटों पर होने जा रहे विधानसभा उपचुनाव के लिए प्रचार रविवार की शाम 6 बजे थम गया. 3 नवंबर को मतदाता उम्मीदवारों के साथ ही शिवराज सरकार की किस्मत भी ईवीएम में कैद करेंगे. चुनाव प्रचार के अंतिम दिन सभी राजनीतिक दलों ने प्रचार में पूरी ताकत झोंक दी. प्रचार के अंतिम दिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने उपचुनाव वाले अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों में ताबड़तोड़ जनसभाएं और रोड शो किए.
दरअसल मध्य प्रदेश के लिए यह उपचुनाव बेहद महत्वपूर्ण है. ऐसा इसलिए, क्योंकि इतिहास में पहली बार ऐसा हो रहा है कि एक साथ इतनी सारी सीटों पर विधानसभा उपचुनाव होने जा रहे हैं. इस उपचुनाव के परिणाम पर प्रदेश की सरकार का भविष्य निर्भर है. उपचुनाव के परिणाम पर निर्भर करेगा कि प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान की सरकार रहेगी या फिर कांग्रेस की सत्ता में वापसी होगी.
इसी उपचुनाव के नतीजे मध्य प्रदेश के कई दिग्गजों के सियासी भविष्य को भी तय करेंगे. इनमें शिवराज सिंह चौहान, कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम सबसे ऊपर है. यही वजह है कि मध्य प्रदेश के इस उपचुनाव के लिए प्रचार में सबसे ज्यादा इन्हीं तीन लोगों ने मेहनत की है और बीते करीब एक महीने में ताबड़तोड़ सभाएं, रैलियां और रोड शो कर अपनी पार्टी और प्रत्याशी का प्रचार किया.
किसने कीं कितनी सभाएं
शिवराज सिंह चौहान ने चुनाव प्रचार में सबसे ज्यादा रैलियां और सभाएं कीं. सीएम शिवराज ने अग्रिम मोर्चे से बीजेपी के प्रचार अभियान का नेतृत्व किया और 9 अक्टूबर से 1 नवंबर तक करीब 85 सभाएं कीं. सीएम शिवराज ने इसके अलावा 10 रोड शो भी किए. शिवराज सिंह चौहान ने हर दिन औसतन चार सभाएं करते थे.
दूसरे नंबर पर कांग्रेस की ओर से प्रचार अभियान का नेतृत्व पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने किया. कमलनाथ ने 12 सितंबर को आगर से प्रचार अभियान की शुरुआत की थी. पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने 51 दिन में 28 विधानसभा क्षेत्रों में 39 सभाएं और तीन रोड शो किए. दरअसल यह विधानसभा उपचुनाव कमलनाथ सरकार के गिरने के बाद हो रहे हैं. ऐसे में चुनाव प्रचार में कमलनाथ का महत्व और बढ़ गया था. पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने 7 जुलाई को बदनावर से चुनावी दौरे की शुरुआत की थी.
तीसरे नंबर पर ज्योतिरादित्य सिंधिया हैं. 28 विधानसभा सीटों में से 22 सीट पर सिंधिया के समर्थक उपचुनाव में बीजेपी के उम्मीदवार हैं. यही वजह है कि सिंधिया ने भी प्रचार में कोई कसर नहीं छोड़ी. सिंधिया ने चुनाव प्रचार थमने तक मुरैना, ग्वालियर और डबरा में बीजेपी उम्मीदवारों के पक्ष में रोड शो के साथ ही करीब 60 जनसभाएं कीं.
रवीश पाल सिंह