कमलनाथ बोले: बसपा मजबूत सीटों की बजाए, कमजोर सीटें मांग रही थी

मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने बसपा से टूटे तालमेल का खुलासा करते हुए कहा कि मायावती ने सीटों की जो सूची सौंपी है, उनमें ऐसी सीटें है शामिल हैं, जहां बसपा काफी कमजोर है. हालांकि उन्होंने वो सीटें नहीं मांगी जहां वो मजबूत थी.

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राहुल गांधी और कमलनाथ (फोटो क्रेडिट, ट्वविटर अकाउंट) राहुल गांधी और कमलनाथ (फोटो क्रेडिट, ट्वविटर अकाउंट)

कुबूल अहमद

  • नई दिल्ली,
  • 05 अक्टूबर 2018,
  • अपडेटेड 4:20 PM IST

कांग्रेस मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में बसपा के साथ गठबंधन की कोशिशें कर रहे थे. इसे लेकर दोनों पार्टियों के नेताओं के बीच बातचीत भी चल रही थी, लेकिन बुधवार को मायावती ने गठबंधन न करके कांग्रेस सारे मंसूबों पर पानी फेर दिया है. कांग्रेस ने कहा कि बसपा मजबूत सीटों की बजाए जो सीटें मांग रही थी उसमें वो कभी जीतने की हालत में नहीं थी.

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बसपा के साथ तालमेल ना होने की वजह का खुलासा करते मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा कि मायावती ने राज्य में 50 विधानसभा सीटों की सूची हमें सौंपी थी. उन्होंने कहा कि बसपा की ओर से हमें जो लिस्ट दी गई थी, उसमें कई ऐसी सीटें थीं, जहां उनको हजार, चार हजार या ज्यादा से ज्यादा 6000 वोट मिले. अगर हम उनके लिए वो सीटें छोड़ देते तो वहां ना बसपा जीतती और ना ही कांग्रेस.

कमलनाथ ने कहा, हैरानी इस बात की है कि बीएसपी ने वो सीटें नहीं मांगी, जहां उन्हें 20-35 हजार वोट मिले थे. उन्होंने कहा कि बसपा की ये बात हमारी समझ में नहीं आई कि वो मजबूत सीटों के बजाय कमजोर सीटें क्यों मांग रही है, जहां वो कभी जीतने की हालत में नहीं थी. उन्होंने कहा कि

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कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने मायावती पर निशाना साधते हुए कहा, 'छह फीसदी वोट में अगर 50 सीटें मांगेंगी, तो कांग्रेस का भी यूपी में 6 फीसदी वोट है, तो इस फॉर्मूले से तो हम भी कह सकते हैं कि यूपी में हमें 50 सीटें चाहिए.' उन्होंने कहा कि ऐसे में 50 सीटों मांगने का औचित्य हमें समझ में नही आया.

हालांकि कांग्रेस 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए अभी भी बसपा से उम्मीदें लगाए बैठी है. कमलनाथ ने जहां विधानसभा अलग है और लोकसभा चुनाव की स्थिति अलग है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को अभी भी भरोसा है कि 2019 आते-आते राजनीतिक समीकरण बदलेंगे और मायावती कांग्रेस के साथ गठबंधन में शामिल हो जाएंगी.

राहुल ने कहा, 'राज्यों में हम लचीला रुख अपनाने को तैयार हैं, वास्तव में मैं तो अपने प्रादेशिक नेताओं से भी ज्यादा लचीला रवैया अपनाने को तैयार था...हमारी बातचीत बीच में ही थी, लेकिन मुझे लगता है कि उन्होंने अपना अलग रास्ता चुन लिया.'

राहुल ने कहा, 'मेरी समझ में नेशनल इलेक्शन तक दोनों पार्टियां साथ होंगी, खासकर उत्तर प्रदेश में. राहुल गांधी से जब पूछा गया कि क्या वो गठबंधन को लेकर आश्वस्त हैं? इस पर राहुल ने कहा कि अबतक मिल रहे संकेतों के आधार पर वे ऐसा कह सकते हैं.

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