MP: BJP और पटवा परिवार का गढ़ है भोजपुर, कभी कांग्रेस भी करती थी यहां राज

मध्य प्रदेश की भोजपुर विधानसभा सीट बीजेपी का गढ़ है. कभी ये कांग्रेस का गढ़ हुआ करती थी. बीजेपी के सुरेंद्र पटवा यहां के विधायक हैं. वह राज्य सरकार में मंत्री भी हैं.

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सुरेंद्र पटवा सुरेंद्र पटवा

देवांग दुबे गौतम

  • नई दिल्ली,
  • 25 सितंबर 2018,
  • अपडेटेड 2:13 PM IST

मध्य प्रदेश की भोजपुर विधानसभा सीट रायसेन जिले में आती है.  ये राजधानी भोपाल से ज्यादा दूर नहीं है.  भोजपुर, राजा भोज के बनाए प्रसिद्ध शिव मंदिर और विशाल शिवलिंग के लिए विश्व विख्यात है. इस विधानसभा क्षेत्र की एक और बड़ी पहचान औद्योगिक क्षेत्र मंडीदीप है. यहां पर कुल 2 लाख 18 हजार 195 मतदाता हैं.

इस सीट का कभी पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के नेता स्व. सुंदरलाल पटवा प्रतिनिधित्व करते थे. बता दें कि सुंदरलाल पटवा यहां से तीन बार विधायक रह चुके हैं. अब उनके भतीजे सुरेंद्र पटवा विधायक हैं. लंबे समय से इस सीट पर बीजेपी का कब्ज़ा है.

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सुरेंद्र पटवा वर्तमान में संस्कृति और पर्यटन मंत्री भी हैं. 2013 के चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के दिग्गज नेता सुरेश पचौरी को हराया था. पटवा को जहां 80491 वोट मिले थे तो वहीं पचौरी को 60342 वोट मिले थे. पटवा ने पचौरी को 20 हजार से ज्यादा वोटों से हराया था.

बता दें कि पचौरी ने पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़ा था. 2013 के चुनाव से पहले एक बार उन्‍होंने भोपाल से लोकसभा का चुनाव लड़ा था जिसमें उन्‍हें हार का सामना करना पडा था. वे पांच बार राज्‍यसभा के सदस्‍य रह चुके हैं.

2008 के चुनाव की  बात करें तो इस बार भी सुरेंद्र पटवा को जीत मिली थी. पटवा को जहां 42960 वोट मिले थे, तो वहीं राजेश पटेल को 29294 वोट मिले थे. पटवा ने राजेश पटेल तो 13 हजार से ज्यादा वोटों से हराया था.

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इस इलाके में विस्तार की रफ़्तार बहुत धीमी है. यहां पर बिजली, रोजगार, सड़क और पानी की समस्या है. औद्योगिक क्षेत्र मंडीदीप होने के बाद भी यहां स्थानीय लोगों को रोजगार नहीं मिलता.

कभी कांग्रेस का गढ़ हुआ करती थी ये सीट

यह सीट कभी कांग्रेस का गढ़ हुआ करता थी, लेकिन 1985 में जब सुंदरलाल पटवा यहां से पहली बार चुनाव लड़े, उसके बाद यहां कांग्रेस सिर्फ 2003 में ही चुनाव जीत पाई है.  1967 में अस्तित्व में आई इस विधानसभा सीट पर पहली बार कांग्रेस की जीत हुई. कांग्रेस के गुलाबचंद ने इस चुनाव में जीत हासिल की. गुलाबचंद यहां से लगातार दस साल विधायक रहे.  लेकिन 1985 के बाद इस सीट पर पटवा परिवार का कब्जा हो गया.

1985 से 1998 तक सुंदरलाल पटवा ने क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया. इसके बाद 2003 में उनके भतीजे सुरेंद्र पटवा यहां से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़े. लेकिन वो कांग्रेस प्रत्याशी राजेश पटेल से हार गए.

भोजपुर में बीजेपी से सुरेंद्र पटवा टिकट के स्वाभाविक दावेदार हैं. वहीं कांग्रेस दिग्गज नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी को एक बार फिर टिकट दे सकती है. भोजपुर में अगर कांग्रेस किसी युवा प्रत्याशी को मौका देती है तो सुरेश पचौरी के भतीजे गौरव पचौरी भी प्रबल दावेदार हैं. 

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