मध्य प्रदेश में बसपा के बाद अब कांग्रेस को इस पार्टी से मिल सकता झटका

कांग्रेस मध्य प्रदेश में बीजेपी विरोधी मतों के विभाजन को रोकने के लिए गोंडवाना गणतंत्र पार्टी और जयस जैसी छोटी पार्टियों के साथ गठबंधन बनाने का प्रयास कर रही है. बसपा के झटके के बाद अब जयस ने भी कांग्रेस को अल्टीमेटम दिया है.

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जयस अध्यक्ष डॉ. हीरालाल अलावा जयस अध्यक्ष डॉ. हीरालाल अलावा

कुबूल अहमद

  • नई दिल्ली,
  • 25 सितंबर 2018,
  • अपडेटेड 12:57 PM IST

कांग्रेस मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में बसपा से हाथ मिलाकर बीजेपी को मात देने का सपना देख रही थी. लेकिन बसपा सुप्रीमो मायावती ने उसी समय राहुल गांधी को तगड़ा झटका देते हुए राज्य में अपने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी है. बसपा के बाद अब कांग्रेस को दूसरा झटका जय आदिवासी युवा शक्ति (जयस) से लग सकता है.

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2 अक्टूबर तक कांग्रेस को अल्टीमेटम

जयस अध्यक्ष डॉ. हीरालाल अलावा ने aajtak.in से बातचीत करते हुए गठबंधन के लिए कांग्रेस को 2 अक्टूबर तक का अल्टीमेटम दिया है. उन्होंने कहा कि वे कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ना चाहते हैं. हमारे साथ गठबंधन के लिए कांग्रेस को फैसला करना है.

हीरालाल ने कहा कि गठबंधन को लेकर 2 अक्टूबर से पहले तक कांग्रेस किसी तरह का कोई निर्णय नहीं लेती है तो फिर हम भी मायावती की तरह इंतजार नहीं करेंगे. मध्य प्रदेश के धार जिले के कुक्षी में 2 अक्टूबर होने वाली रैली में अपने 80 उम्मीदवारों की घोषणा करेंगे. उन्होंने कहा कि एक बार जब हम उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर देंगे तो हमारे लिए निर्णय को वापस लेना असंभव होगा.

जयस ने कांग्रेस से मांगी 25 सीटें

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जयस अध्यक्ष ने बताया कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस के साथ गठबंधन के लिए प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ, पार्टी के राज्य प्रभारी दीपक बाबरिया और दिग्विजय सिंह से मुलाकात की है. उनसे हमने अपनी शर्तें रख दी हैं और हमने 25 सीटें मांगी है, लेकिन अभी तक हमें कोई जवाब नहीं मिला है.

राहुल से नहीं हुई बात, शिवराज ने दिया था ऑफर

हालांकि, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ डॉ. हीरालाल अलावा की न को बात हुई है और न ही कोई मुलाकात हुई है. जबकि उन्होंने राज्य के नेताओं से राहुल से मुलाकत के लिए कहा था. दिलचस्प बात ये है कि अलावा को 5 अगस्त को शिवराज सिंह चौहान ने आमंत्रित किया था, जहां उन्हें बीजेपी में शामिल होने का प्रस्ताव दिया गया था. हालांकि उन्होंने बीजेपी में शामिल होने से इंकार कर दिया.

आदिवासी समुदाय की ताकत

मध्य प्रदेश में आदिवासी समुदाय और किसानों के मुद्दों को लेकर जयस 2013 से लगातार अंदोलन कर रही है. राज्य में आदिवासी समुदाय की आबादी 21 प्रतिशत से अधिक है. राज्य विधानसभा की कुल 230 सीटों में से 47 सीटें आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित हैं. इसके अलावा करीब 30 सीटें ऐसी मानी जाती हैं, जहां पर्याप्त संख्या में आदिवासी आबादी है.

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पांच जिलों में जयस का प्रभाव

2013 के विधानसभा चुनाव में आदिवासियों के लिए आरक्षित 47 सीटों में से बीजेपी को 32 और कांग्रेस को 15 सीटें मिली थीं. जयस का मध्य प्रदेश में सबसे मजबूत आधार मालवा और निमाड़ के कुछ जिलों में है. इनमें रतलाम, झबुआ, धार, खंडवा, बड़वानी और खरगोन क्षेत्र शामिल हैं. इन्हीं क्षेत्रों में डॉ. हीरालाल अलावा जयस के उम्मीदवार को मैदान में उतारना चाहते हैं.

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