MP: 4 साल की उम्र में बनाया इंटरनेशनल रिकॉर्ड, बच्ची का टैलेंट जानकर हैरान रह जाएंगे आप

मध्य प्रदेश के इंदौर की रहने वाली आदिरा अभी महज 4 साल 15 दिन की हैं. आदिरा पोरवाल ने अपना नाम इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड (International Book of Records) में दर्ज करवाया है. इस मासूम बच्ची ने 15 अंकों की 5 संख्याओं को भारतीय और अंतरराष्ट्रीय डिजिट (Indian and International Digits) सिस्टम से पढ़कर दिखाया है.

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4 साल की उम्र में बनाया इंटरनेशनल रिकॉर्ड. 4 साल की उम्र में बनाया इंटरनेशनल रिकॉर्ड.

धर्मेंद्र कुमार शर्मा

  • इंदौर,
  • 12 फरवरी 2022,
  • अपडेटेड 7:23 PM IST
  • इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज कराया नाम
  • मध्य प्रदेश के इंदौर की रहने वाली है बच्ची

मध्य प्रदेश के इंदौर की आदिरा अभी महज 4 साल 15 दिन की हैं. आदिरा ने खिलौने खेलने की उम्र में एक ऐसा रिकॉर्ड बनाया है, जिसे सुनकर आप भी इस नन्हीं प्रतिभावान बच्ची की सराहना करने लगेंगे. इस 4 साल की बच्ची ने 15 अंकों की 5 संख्याओं को भारतीय और अंतरराष्ट्रीय डिजिट सिस्टम (Indian and International Digits) से पढ़कर दिखाया है. आदिरा पोरवाल ने इसी के साथ एक नया और अनोखा रिकार्ड बनाते हुए अपना नाम इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकार्ड (International Book of Records) में दर्ज करा दिया.

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आदिरा अभी KG 1 में पढ़ती है. आदिरा की खासियत यह भी है कि ये जहां बिलियन ट्रिलियन समझती है तो वही शंख और पदम् जैसी संख्याओं को भी जानती है. आदिरा ने रिकॉर्ड बनाने के लिए 15 डिजिट की 5 संख्याओं को आसानी से पढ़कर दिखाया था. रिकॉर्ड बनने के बाद आदिरा अब 15 की बजाय 19 डिजिट तक की संख्या आसानी से पढ़कर सुना देती है. 

आदिरा अपने मासूम लहजे में बड़ी होकर डॉक्टर बनने की बात बताती हैं. आदिरा की इस उपलब्धि में उनकी मां पायल पोरवाल और टीचर निहारिका जोशी का अहम योगदान है. आदिरा की मां पायल बैंक में कैशियर हैं. वहीं पिता आशुतोष पोरवाल बिजनेस डेवलपमेंट मैनेजर हैं.

डिजिट रीडिंग के साथ प्लेस वैल्यू भी बता देती है

आदिरा की मां पायल पोरवाल बताती हैं कि उनकी बेटी केजी वन में पढ़ती हैं. आदिरा शुरुआत में करोड़ तक की संख्या पढ़ लेती थी. फिर धीरे-धीरे आगे बढ़ती गई. आदिरा की टीचर निहारिका जोशी ने मैजिक मैथ्स सिखाया. आदिरा भारतीय तथा अंतरराष्ट्रीय डिजिट रीडिंग के साथ साथ उनकी प्लेस वेल्यू भी बता देती है. इंग्लिश डिजिट के साथ-साथ यह भारतीय प्रणाली के शंख तथा पदम के अनुसार भी आसानी से पढ़ लेती है.

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बड़ी होकर डॉक्टर बनना चाहती नन्ही आदिरा

आदिरा पहले वीडियो सूट नहीं करने देती थी, लेकिन जब उसकी मां पायल ने उससे कहा कि यदि वह पढ़ाई करेगी तो मोदी जी उसे मेडल देंगे, उसके बाद से वह मन लगाकर पढ़ती भी है और वीडियो भी बनवाती है. नन्हीं आदिरा की इच्छा है कि वह डॉक्टर बने, लेकिन उसका दिमाग गणित में बहुत तेज चलता है. आदिरा की मासूम आंखें नंबर और संख्याओं को बड़ी तेजी से पकड़ती हैं और उतनी ही फुर्ती से वह तुरंत बता भी देती है कि संख्या कौन सी है. 

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