जानिए मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को अब क्यों पड़ी सोशल मीडिया की ज़रूरत

सोशल मीडिया पर शरीयत और तीन तलाक को लेकर वायरल हो रही गलत जानकारियों से निपटने के लिए मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड सोशल मीडिया की मदद लेगा.

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प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर

रवीश पाल सिंह / सना जैदी

  • भोपाल,
  • 11 अगस्त 2018,
  • अपडेटेड 11:34 PM IST

सोशल मीडिया में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और तीन तलाक को लेकर फैल रही बातों से मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड परेशान हुआ. ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड सोशल साइट्स पर शरीयत और तीन तलाक को लेकर वायरल हो रही गलत जानकारियों को दूर करने के लिए सोशल मीडिया टीम तैयार करने की तैयारी में है.

भोपाल में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की दो दिवसीय बैठक में शनिवार को देशभर से मुस्लिम नेता भाग लेने पहुंचे. इसी बैठक में फैसला लिया गया कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड सोशल मीडिया पर शरीयत और तीन तलाक को लेकर वायरल हो रही गलत और भ्रामक जानकारियों से सोशल मीडिया की मदद से ही कैसे निपटा जाएगा.

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ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सेक्रेटरी मोहम्मद उमर महफूज रहमानी के मुताबिक सोशल मीडिया पर प्रोपेगेंडा चलाया गया था कि मुसलमानों मे तलाक की दर बहुत ज्यादा है, जबकि ये सच नहीं है. हमारे यहां तलाक का अनुपात दूसरे मजहबों के मुकाबले कम है. रहमानी ने कहा कि इस तरह के प्रोपेगेंडा का जवाब देना बहुत ज़रूरी है, इसलिए सोशल मीडिया का सहारा लेंगे.

हालांकि इस मामले में बीजेपी ने मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को ही कठघरे में खड़ा किया है. एमपी बीजेपी के प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने विवादास्पद बयान देते हुए कहा कि इन्हें पहले अपने समाज मे फैले भ्रम की बातों को दूर करना चाहिए. रजनीश अग्रवाल ने कहा कि अपने मजहब की बुराई दूर करने की कोशिश करें ये समाज स्वयं ही ठीक हो जाएगा.

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