सामान्य दिनों में भी देश की स्वास्थ्य सुविधाएं बहुत अच्छी नहीं होतीं, मगर कोरोना ने उनकी तरफ देशवासियों का ध्यान और अधिक खींचा है. शहरों में अस्पतालों की हालत एकदम लचर है, ऐसे में गांव की बात करें तो वहां तो स्वास्थ्य सुविधाएं नगण्य हैं, जिन गांव में स्वास्थ्य सुविधाएं हैं भी तो वे चालू नहीं हैं. वैसे में आजतक लगातार ग्राउंड रिपोर्ट्स के माध्यम से उन्हें प्रशासन के ध्यान में लाने का काम कर रहा है. शाजापुर जिले से आजतक की ऐसी ही एक रिपोर्ट का असर हुआ है.
शाजापुर जिले का पोचानेर गांव, सामान्य गांव नहीं है बल्कि मध्य प्रदेश के शिक्षा मंत्री का गांव है. इस गांव के लोगों की हालत को आजतक ने अपनी एक रिपोर्ट में दिखाया था. यहां के अस्पताल को लेकर जब आजतक ने पड़ताल की तो ताला लगा मिला, न वहां डॉक्टर था न कोई कर्मचारी. यहां के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की हालत को आजतक ने 25 मई की अपनी रिपोर्ट में एक्सपोज किया था. पोचानेर गांव का प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भी बंद पड़ा था. लेकिन आजतक पर खबर दिखाए जाने के बाद अब प्रशासन की नींद खुल गई है.
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आजतक पर खबर दिखाए जाने के बाद जिला स्वास्थ्य विभाग ने तत्काल ही बंद पड़े अस्पताल को शुरू करा दिया है और वहां स्टाफ की नियुक्ति भी कर दी है. शिक्षा मंत्री के गांव वालों से जब आज तक ने बात की तो पता चला कि यहां अस्पताल का नया भवन तैयार है, मगर डॉक्टर ना होने के कारण बन्द है, खबर के बाद तत्काल ही जिले के CMHO ने वहां पर स्टाफ को पदस्थ करने के आदेश निकाल दिए और बन्द अस्पताल को शुरू करा दिया है. इसके बाद अब पोचानेर गांव के लोग अपने ही गांव में इलाज करवा रहे हैं.
हाल ही में पूर्णिया जिले के धमदाहा प्रखंड के अमारी गांव पर आजतक ने जो रिपोर्ट दिखाई थी उसका भी असर हुआ था. अमारी गांव में 65 लाख रुपये की लागत से बनाया गया था इसका निर्माण साल 2010 में शुरू हुआ था. लेकिन बन जाने के बाद भी आजतक इसका उद्घाटन तक नहीं किया गया था. लेकिन आजतक पर रिपोर्ट दिखाए जाने के बाद इस अस्पताल को भी शुरू किया जा रहा है. अब इस गांव में टीकाकरण का काम भी शुरू हो चुका है.
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