जो झारखंड प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर है. जो झारखंड 5 लाख रोजगार हर साल के वादे को सुनकर हेमंत सोरेने को मुख्यमंत्री बनाता है. उस झारखंड एम्प्लॉयमनेट एक्सचेंज क्यों सुनसान पड़े हुए हैं. झारखंड में 7.32 लाख से ज़्यादा बेरोजगार हैं. जबकि सरकार के अलग अलग विभागों में 3.29 लाख पद रिक्त पड़े हैं. सबसे ज्यादा 1 लाख 4 हज़ार पद स्कूली शिक्षा विभाग में रिक्त हैं. तो गृह विभाग में 73938 पद खाली पड़े हैं. तीसरे नंबर पर स्वास्थ्य विभाग है, जहां 35,322 पदों पर नौजवानों को रोजगार दिया जा सकता है. बड़ा सवाल ये है कि जिस राज्य में देश के कुल खनिज संपदा का 40 प्रतिशत हिस्सा हो, वहां इतनी बेरोजगारी क्यों है?
Jharkhand CM Hemant Sorene promises 5 lakh jobs every year and still, youth here is jobless. While 3.29 lakh posts are lying vacant in different departments of the government the youth of the state is roaming about unemployed with their degrees in their hands. Why is there so much unemployment in a state which has 40 percent of the total mineral wealth of the country?