रांची पहुंचा शहीद का शव, CM ने किया 10 लाख रुपये के मुआवजे का ऐलान

जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा के जंगलों में हुए आतंकवादी हमले में शहीद होने वाले सेना के जवान रांची के रंजीत खलखो का शव शुक्रवार को मांडर गांव उनके घर पहुंच गया है. मांडर गांव में पहुंचने से पहले रांची एयरपोर्ट पर शहीद रंजीत खलखो को श्रद्धांजलि दी गई.

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कुपवाड़ा के आतंकवादी हमले में शहीद हुए रांची के रंजीत खलखो को लोगों ने दी अंतिम विदाई कुपवाड़ा के आतंकवादी हमले में शहीद हुए रांची के रंजीत खलखो को लोगों ने दी अंतिम विदाई

सना जैदी / धरमबीर सिन्हा

  • रांची,
  • 23 मार्च 2018,
  • अपडेटेड 12:20 PM IST

जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा के जंगलों में हुए आतंकवादी हमले में शहीद होने वाले सेना के जवान रांची के रंजीत खलखो का शव शुक्रवार को मांडर गांव उनके घर पहुंच गया है. मांडर गांव में पहुंचने से पहले रांची एयरपोर्ट पर शहीद रंजीत खलखो को श्रद्धांजलि दी गई.

झारखंड की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू, खेल मंत्री अमर कुमार बाउरी समेत कई अधिकारी भी मौजूद थे. राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने नम आंखों से श्रद्धांजलि देने के बाद कहा, 'रंजीत खलखो ने देश की रक्षा के लिए अपनी जान न्योछावर की है. उनकी इस शहादत को पूरा देश हमेशा याद रखेगा.'

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मुख्यमंत्री ने शहीद के परिजनों को 10 लाख रुपये देने की घोषणा की है. बता दें, शहीद रंजीत खलखो मात्र 32 वर्ष की आयु में शहीद हो गए. शहीद की बहन ने बताया कि जल्द ही रंजीत की शादी होने वाली थी. इस बार की छुट्टी में रंजीत की शादी होनी थी लेकिन उसके पहले ही रंजीत शहीद हो गए.

इसे भी पढ़ें : कुपवाड़ा में मुठभेड़ के दौरान 5 आतंकी ढेर, 5 सुरक्षाकर्मी भी शहीद

दरअसल, रांची के रहने वाले रंजीत खलखो उत्तरी कश्मीर में स्थित कुपवाड़ा के घने जंगलों में तकरीबन 48 घंटे तक चली मुठभेड़ में शहीद हुए थे. इस मुठभेड़ में तीन जवान, दो पुलिसकर्मियों सहित पांच सुरक्षाकर्मी शहीद हुए थे. साथ ही जवानों ने पांच आतंकवादियों को मार गिराया था.

सेना के मुताबिक, मंगलवार को श्रीनगर शहर से लगभग 110 किलोमीटर दूर जिले के हलमतपुर इलाके में मुठभेड़ शुरू हुई थी. हालांकि, मुठभेड़ बुधवार को ही खत्‍म हो गई थी. लेकिन इलाके में सर्च ऑपरेशन जारी था. सर्च ऑपरेशन के दौरान ही आतंकियों के साथ मुठभेड़ शुरू हो गई थी. जिसमें सेना के तीन जवान और पुलिस के दो जवान भी शहीद हो गए.

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बता दें, राज्यसभा में गृह मंत्रालय ने लिखित जानकारी देते हुए बताया कि जम्मू और कश्मीर में वर्ष 2015 में 208, वर्ष 2016 में 322, वर्ष 2017 में 342 और वर्ष 2018 की 11 मार्च तक 64 आतंकी हिंसा की घटनाओं को दर्ज किया गया है.

गृह मंत्रालय के अनुसार वर्ष 2015 में 17, वर्ष 2016 में 15, वर्ष 2017 में 40 और 11 मार्च 2018 तक कुल 2 नागरिक मारे गए. जबकि इस दौरान वर्ष 2015 में 108, वर्ष 2016 में 150, वर्ष 2017 में 213 और वर्ष 2018 की 11 मार्च तक 20 आतंकवादी मार गिराए गए.

गृह मंत्रालय ने जानकारी देते हुए बताया कि जम्मू और कश्मीर में आतंकी घटनाओं में वर्ष 2015 में 39 , वर्ष 2016 में 82, वर्ष 2017 में 80 और वर्ष 2018 की 11 मार्च तक 15 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए हैं.

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