सोनभद्र मुद्दे को झारखंड-महाराष्ट्र चुनाव में BJP के खिलाफ कांग्रेस बनाएगी हथियार

उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में जमीन कब्‍जा करने को लेकर आदिवासियों के खिलाफ हुए सामूहिक नरसंहार के मुद्दे पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने पहल करके पार्टी में जान डाल दिया है. यही वजह है कि महाराष्ट्र और झारखंड के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के खिलाफ कांग्रेस सोनभद्र के नरसंहार को अपना सबसे बड़ा हथियार बना सकती है.

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सोनभद्र नरसंहार के पीड़ित परिवारों से मिलती प्रियंका गांधी (फोटो-INC) सोनभद्र नरसंहार के पीड़ित परिवारों से मिलती प्रियंका गांधी (फोटो-INC)

कुबूल अहमद

  • नई दिल्ली,
  • 23 जुलाई 2019,
  • अपडेटेड 3:23 PM IST

उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में जमीन कब्‍जा करने को लेकर आदिवासियों के खिलाफ हुए सामूहिक नरसंहार के मुद्दे पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने पहल करके पार्टी में जान फूंक दी है. यही वजह है कि अब कांग्रेस ने इसे आगामी विधानसभा चुनाव में मुद्दा बनाकर आदिवासियों को साधने की रणनीति बनाई है. इस साल होने वाले महाराष्ट्र और झारखंड के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के खिलाफ कांग्रेस सोनभद्र के नरसंहार को अपना सबसे बड़ा हथियार बना सकती है.

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महाराष्ट्र में करीब 15 फीसदी और झारखंड में 27 फीसदी आदिवासी समुदाय की आबादी है. मौजूदा समय में दोनों राज्यों में बीजेपी की सरकारें हैं. आदिवासी समुदाय 2014 में कांग्रेस से खिसककर बीजेपी के साथ चला गया था. इसी के मद्देनजर कांग्रेस इन दोनों राज्यों में सोनभद्र में आदिवासियों के खिलाफ हुए नरसंहार के मामले को मुद्दा बनाने जा रही है.

महाराष्ट्र के कांग्रेस नेता नाना पटोले ने Aajtak.in से बातचीत करते हुए कहा कि बीजेपी शासित राज्यों में आदिवासियों को उनके जमीन से बेदखल किया जा रहा है, ऐसे में अगर वो अपनी आवाज उठाते हैं तो उनपर सरकार जुल्म कर रही है. इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में भी आदिवासियों का नरसंहार किया गया. इस मुद्दे पर योगी सरकार की आंख तब खुली जब वहां कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी पहुंची. प्रियंका जब पीड़ित परिवार से मिलना चाह रही थीं तो सरकार ने अपना राज खुलने के डर से उन्हें वहां जाने नहीं दिया.

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नाना पटोले ने कहा कि निश्चित रूप से सोनभद्र सहित बीजेपी शासित राज्यों में हो रहे आदिवासियों पर जुल्म के मुद्दे को वे उठाएंगे. इसके लिए हम लोगों ने प्लान बनाना भी शुरू कर दिया है. झारखंड और महाराष्ट्र में आदिवासियों की बड़ी आबादी है, लेकिन विकास से उन्हें दूर रखा जा रहा है. ऐसे में हम बीजेपी की आदिवासी विरोधी नीतियों से लोगों को अवगत कराएंगे. इसके लिए कांग्रेसी कार्यकर्ता आदिवासियों के पास घर-घर तक जाएंगे.

बता दें कि झारखंड की कुल 81 विधानसभा सीटों में से 28 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं. 2014 के विधानसभा चुनाव में अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित 28 सीटों में से बीजेपी और झारखंड मुक्ति मोर्चा को 13-13 सीटें हासिल हुई थीं. जबकि दो सीटों पर अन्य उम्मीदवार विजयी हुए थे. इसी तरह से महाराष्ट्र में 288 विधानसभा सीटों में से 25 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं. इनमें से 15 सीटें बीजेपी-शिवसेना ने जीती थी. जबकि 10 सीटें कांग्रेस-एनसीपी को मिली थी.

सोनभद्र में हुए नरसंहार के जरिए झारखंड कांग्रेस आदिवासी मतदाताओं को फिर से जोड़ने की कवायद में जुट गई है. झारखंड के एक कांग्रेस नेता ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि इसके लिए बड़े आदिवासी नेताओं को भी कार्यक्रम के दौरान जुटाने की तैयारी है.

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आदिवासी समुदाय को साधने के लिए सोनभद्र के अलावा भूमि अधिग्रहण संशोधन कानून, सरना कोड लागू करने की मांग, पांचवीं अनुसूची के प्रावधानों को लागू करने की मांग, पेशा कानून लागू करने की मांग और आदिवासियों की एकजुटता पर फोकस है. जिलों में कार्यरत आदिवासी संगठनों को जोड़ने में भी पार्टी के नेता-कार्यकर्ता अपनी ताकत लगाएंगे.

बता दें कि सोनभद्र के घोरावल के उभ्भा गांव में बुधवार को जमीन कब्जाने को लेकर नरसंहार हुआ. इस घटना में 10 लोगों की हत्या कर दी गई और 28 लोग घायल हो गए. इस घटना को लेकर प्रियंका गांधी ने फौरन पहल की, इससे सूबे की बीजेपी सरकार बैकफुट पर आ गई. प्रियंका के तेवर से योगी सरकार के पसीने छूट गए. यही वजह रही कि 26 घंटे के जद्दोजहद के बाद प्रियंका गांधी ने पीड़ित परिवारों से मुलाकात की और कांग्रेस की तरफ से प्रत्येक मृतक के परिवार को 10-10 लाख रुपए मुआवजा देने का एलान किया.

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