झारखंड: सर्च ऑपरेशन के दौरान 350 KG जिलेटिन की छड़ें बरामद

मुख्य तौर पर जिलेटिन की छड़ों का इस्तेमाल चट्टानों को तोड़ने के लिए भी किया जाता है. इसके अलावा पहाड़ों को तोड़ने के लिए भी इन छड़ों का उपयोग होता है. कई बार शहरी क्षेत्रों में अवैध निर्माण को ढहाने के लिए भी इसका प्रयोग किया जाता है.

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नक्सलियों के खिलाफ सर्च ऑपरेशन जारी (File) नक्सलियों के खिलाफ सर्च ऑपरेशन जारी (File)

जितेंद्र बहादुर सिंह

  • रांची,
  • 01 जून 2018,
  • अपडेटेड 9:31 PM IST

नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षाबलों की कार्रवाई लगातार जारी है. इसी कड़ी में शुक्रवार को झारखंड में पुलिस और एनआईए ने संयुक्त रूप से सर्च ऑपरेशन चलाया. इस दौरान पुलिस ने बोकारो जिले में करीब 350 किलो जिलेटिन छड़ें बरामद कीं. ये सभी छड़ें 30-30 किलो के 12 बैग में बंद थी.

क्या होता है जिलेटिन?

आपको बता दें कि जिलेटिन एक प्रकार का विस्फोटक है. दरअसल, ये एक तरह का गन कॉटन है. यह धीरे-धीरे जलता है. हालांकि, इससे विस्फोट करने के लिए डेटोनेटर्स की जरूरत होती है.

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मुख्य तौर पर जिलेटिन की छड़ों का इस्तेमाल चट्टानों को तोड़ने के लिए भी किया जाता है. इसके अलावा पहाड़ों को तोड़ने के लिए भी इन छड़ों का उपयोग होता है. कई बार शहरी क्षेत्रों में अवैध निर्माण को ढहाने के लिए भी इसका प्रयोग किया जाता है.

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़, झारखंड, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश जैसे क्षेत्रों में पिछले कुछ दिनों में नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई तेज हुई है. पिछले दिनों ही छत्तीसगढ़ पुलिस ने करीब 11 नक्सलियों को गिरफ्तार किया था, जिसमें दो महिला नक्सली भी शामिल थीं.

इन नक्सलियों पर लूटपाट और बम विस्फोट करने समेत कई तरह के मामले दर्ज थे, जिनमें तुमला में बम विस्फोट की घटना और दरभा में सरपंच की हत्या का आरोप भी शामिल था. सुरक्षाबलों की मुहिम के कारण कई नक्सलियों ने बीते दिनों सरेंडर भी किया है.

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