झारखंड: बहादुर मां ने धधकती आग की लपटों से बचाई बेटियों की जान

जमशेदपुर के सोनारी इलाके में सोनारी एयरपोर्ट गेट के सामने केजर बंगला नंबर-7 के आउट हाउस में शॉर्ट सर्किट से आग लग गई.  यह आग धीरे-धीरे बढ़ते हुए रतन पाइक के कमरे तक पहुंच गई.

Advertisement
मां ने बचाई बेटियों की जान मां ने बचाई बेटियों की जान

धरमबीर सिन्हा / सना जैदी

  • रांची,
  • 26 फरवरी 2018,
  • अपडेटेड 8:03 PM IST

मां शब्द की पूर्ण व्याख्या करने में आज तक कोई भी सफल नहीं हो पाया है. दरअसल यह छोटा सा शब्द अपने आप में इतना व्यापक है कि इसमें समूचा ब्रह्माण्ड समा सकता है. मां की ममता, त्याग और बलिदान की कहानियां अक्सर सामने आती रहती हैं. ऐसा ही एक वाकया झारखंड के लौहनगरी जमशेदपुर में रविवार को सामने आया. जब लोगों के लाख रोकने के बाबजूद एक मां ने अपनी जान की परवाह न करते हुए आग की लपटों में घिरी अपनी मासूम बेटियों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया. लोग यह कह रहे हैं कि ये कारनामा एक मां ही कर सकती है.

Advertisement

घर में लगी थी आग, बेटियां अंदर सो रही थीं

जमशेदपुर के सोनारी इलाके में सोनारी एयरपोर्ट गेट के सामने केजर बंगला नंबर-7 के आउट हाउस में शॉर्ट सर्किट से आग लग गई.  यह आग धीरे-धीरे बढ़ते हुए रतन पाइक के कमरे तक पहुंच गई. रतन टेम्पो चलाने के साथ-साथ केबल का काम भी करता है. घटना के समय रतन और उसकी पत्नी नंदिनी काम से बाहर गए थे. वहीं रतन की तीन बेटियां घर के अंदर थीं. जिनमे सात साल की परी और तीन साल की रुही सो रही थी, जबकि बड़ी बेटी 8 साल की नीलम बाथरुम में थी. धुआं निकलने पर लोग जुटने लगे. इस बीच नंदिनी घर पहुंची.

कमरे से आग की लपटें निकलता देख वह कुछ समझ नहीं पाई. अंदर दोनों बेटियों के रोने की आवाज सुनकर नंदिनी उन्हें बचाने दौड़ी. लोगों ने रोकने का प्रयास किया, लेकिन नंदिनी ने धधकती विकराल आग की लपटों की परवाह न करते हुए अपनी दोनों बेटियों को सही सलामत बाहर निकाल लिया. फिर उसने बड़ी बेटी नीलम की तलाश की तो पता चला कि वह बाथरूम में नहा रही है.

Advertisement

जमा पूंजी स्वाहा होने का गम नहीं

जब इसकी सूचना टाटा स्टील के दमकल विभाग को मिली तो उसने दो घंटे में आग पर काबू पाया. मां नंदिनी  के मुताबिक इस घटना में टीवी, फ्रीज, गहने ,बर्तन, कपड़े समेत सारा सामान जल गया. साथ ही वहां रिपेयर के लिए रखे गए ग्राहकों के सामान भी जल गए  लेकिन उनको इस बात का संतोष है कि जिंदगी भर की जमा पूंजी एक झटके में खोकर भी मैंने अपनी बेटियों को बचा लिया.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement