झारखंड JSSC पेपर लीक गैंग का सरगना गोरखपुर से गिरफ्तार, नेपाल ले जाकर रटवाता था पेपर

झारखंड JSSC CGL परीक्षा पेपर लीक मामले में मुख्य आरोपी विनय साह उर्फ हरिहर सिंह को यूपी एसटीएफ ने गोरखपुर के शाहपुर से गिरफ्तार किया है. विनय और उसके साथियों ने रांची के होटल में प्लानिंग कर छात्रों को नेपाल ले जाकर परीक्षा से पहले पेपर और उत्तर रटवाए थे. आरोपी के पास से नेपाली और भारतीय सिम भी मिली है.

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JSSC CGL परीक्षा पेपर लीक का मुख्य आरोपी गिरफ्तार (Photo: Representational) JSSC CGL परीक्षा पेपर लीक का मुख्य आरोपी गिरफ्तार (Photo: Representational)

संतोष शर्मा / आशीष श्रीवास्तव

  • लखनऊ ,
  • 20 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 8:15 PM IST

झारखंड में हुए JSSC CGL पेपर लीक मामले का मुख्य आरोपी आखिरकार गिरफ्तार हो गया. उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने गोरखपुर के शाहपुर इलाके से विनय साह उर्फ हरिहर सिंह को पकड़ा है. आरोपी 22 सितंबर 2024 को हुई परीक्षा में पेपर लीक कराने के बाद से फरार चल रहा था. उसकी गिरफ्तारी झारखंड पुलिस की मांग पर की गई है.

अपराध अनुसंधान विभाग, रांची में दर्ज मुकदमा संख्या 01/2025 के अनुसार आरोपी पर बीएनएस की धारा 316(2), 318(2), 318(4), 61(2) और झारखंड प्रतियोगी परीक्षा अधिनियम 2023 की धारा 12(2), 12(3) के तहत कार्रवाई की जा रही है. एसटीएफ ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी हनुमन्त नगर कॉलोनी, पादरी बाजार, थाना शाहपुर गोरखपुर का रहने वाला है. उसके पास से नेपाली और भारतीय सिम कार्ड बरामद हुए हैं.

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पेपर लीक का मुख्य आरोपी गिरफ्तार

पूछताछ में विनय ने स्वीकार किया कि उसने अपने साथियों मनोज कुमार, शशि भूषण दीक्षित और संदीप त्रिपाठी के साथ मिलकर पेपर लीक किया था. इन लोगों ने रांची के जेड स्क्वायर होटल में बैठकर पूरी साजिश रची थी. इसके बाद छात्रों को रक्सौल बॉर्डर से नेपाल ले जाया गया, जहां परीक्षा से पहले ही पेपर और उत्तर रटवा दिए गए.

खाते में भेजे गए थे 1 लाख रुपये

विनय ने बताया कि पेपर लीक कराने के बदले उसके खाते में मनोज कुमार ने 1 लाख रुपये भेजे थे. एसटीएफ को सूचना मिली थी कि आरोपी यात्रिक कारखाना क्षेत्र में छिपा है. टीम ने घेराबंदी कर उसे पकड़ लिया. आरोपी शुरुआत में अपना नाम और पता छिपाता रहा, लेकिन जानकारी झारखंड पुलिस से मिलान करने पर उसकी पहचान की पुष्टि हुई. गिरफ्तार आरोपी को थाना शाहपुर में दाखिल किया गया है. अब आगे की कानूनी कार्रवाई और ट्रांजिट रिमांड अपराध अनुसंधान विभाग, रांची के अधिकारियों द्वारा की जा रही है.

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