झारखंड: जज उत्तम आनंद हत्याकांड में आरोपियों पर दोष सिद्ध, 6 अगस्त को सजा का ऐलान

धनबाद के जज उत्तम आनंद की हत्या के मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. स्पेशल कोर्ट ने मामले के दोनों आरोपी लखन वर्मा और राहुल वर्मा को साजिशन हत्या और सबूत छिपाने का दोषी पाया है. अदालत दोनों की सजा का ऐलान 6 अगस्त को करेगी.

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ऑटो से टक्कर मारकर की गई थी जज की हत्या ऑटो से टक्कर मारकर की गई थी जज की हत्या

सिथुन मोदक

  • धनबाद,
  • 28 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 5:40 PM IST
  • मॉर्निंग वॉक के दौरान की गई हत्या
  • हत्या को दुर्घटना की तरह दिखाया गया

झारखंड में आज ही के दिन सालभर पहले जिला एवं सत्र न्यायाधीश जज (एडीजे) उत्तम आनंद की हत्या कर दी गई थी. इस मामले की जांच सीबीआई ने की और अब सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया है. स्पेशल कोर्ट ने मामले के दो आरोपी लखन वर्मा और राहुल वर्मा को साजिश रचकर हत्या करने और फिर सबूतों को छिपाने का दोषी पाया है. अदालत दोनों को सजा आने वाली 6 अगस्त को सुनाएगी.

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आईपीसी की इन धाराओं के तहत दोषी करार

सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने आरोपियों को भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा-302 और 201 के तहत दोषी ठहराया है. अब मामले की सुनवाई की अगली तारीख 6 अगस्त तय की गई है. तभी सीबीआई की विशेष अदालत दोनों आरोपियों की सजा का ऐलान करेगी. गौरतलब है कि पिछले साल 28 जुलाई को ही जज उत्तम आनंद की हत्या ऑटो से टक्कर मारकर कर दी गई थी. यहां देखें कैसे की गई थी जज उत्तम आनंद की हत्या...

 

मॉर्निंग वॉक के वक्त हुई जज की हत्या

पिछले साल 28 जुलाई की सुबह करीब 5 बजे एडीजे उत्तम आनंद अपने घर से मॉर्निंग वॉक के लिए निकले थे. वे सड़क किनारे वॉक कर रहे थे, तभी एक ऑटो ने उन्हें पीछे से जोरदार टक्कर मार दी थी. इस घटना में एडीजे की मौके पर ही मौत हो गई थी. 

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ये पूरी घटना पास में लगे सीसीटीवी में कैद हो गई थी. घटना के फुटेज में दिखाई दिया था कि सड़क पर सीधे चल रहे ऑटो ने किनारे पर जाकर एडीजे को टक्कर मारी थी. मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई थी. इसकी मॉनिटरिंग झारखंड हाई कोर्ट कर रही थी. मामले की जांच में प्रोग्रेस को लेकर हाईकोर्ट ने सीबीआई को कई बार फटकार भी लगाई. बाद में सीबीआई की टीम भी बदली गई.

हाईकोर्ट के कई बार नाराजगी जताने के बाद सीबीआई की नई टीम ने हत्याकांड की जांच में कुछ नए पहलुओं को जोड़ा. धनबाद के रणधीर वर्मा चौक से लेकर जज क्वार्टर तक क्राइम सीन को रिक्रिएट किया गया. साथ ही, गांधीनगर, मुंबई और दिल्ली से चार अलग-अलग फोरेंसिक टीमों को इसमें भी शामिल किया गया. जांच के दौरान जुटाए गए सारे सबूत से साफ हुआ कि जज उत्तम आनंद की हत्या की गई थी, जबकि उनकी मौत को दिखाया एक दुर्घटना की तरह गया था.

अब सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने इस मामले में आरोपियों पर दोष सिद्ध कर दिए हैं और सजा का ऐलान 6 अगस्त को होना है.

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