झारखंड में बीजेपी की हार पर बोले अर्जुन मुंडा- गठबंधन टूटना भी एक वजह

बीजेपी की हार के बाद अब पूर्व मुख्यमंत्री और मोदी मंत्रिमंडल में मंत्री अर्जुन मुंडा ने भी कहा है कि हमारे सालों पुराने साथी एजेएसयू से गठबंधन टूटना और उसका अकेले चुनाव लड़ना भी एक वजह हो सकता है. उन्होंने कहा कि विपक्षी पार्टियां एकजुट होकर चुनाव लड़ीं, उनका गठबंधन था इससे उनको फायदा मिला.

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झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा (source: twitter) झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा (source: twitter)

अशोक सिंघल

  • नई दिल्ली,
  • 24 दिसंबर 2019,
  • अपडेटेड 6:56 PM IST

  • बोले- पार्टी करेगी चुनाव नतीजे की समीक्षा
  • मोदी सरकार को है आदिवासियों की चिंता

भारतीय जनता पार्टी को झारखंड के विधानसभा चुनाव में करारी शिकस्त मिली है. हार के बाद अब पार्टी में हार के कारणों पर चर्चा शुरू हो गई है. बीजेपी की हार के बाद अब पूर्व मुख्यमंत्री और मोदी मंत्रिमंडल में मंत्री अर्जुन मुंडा ने भी कहा है कि हमारे सालों पुराने साथी एजेएसयू से गठबंधन टूटना और उसका अकेले चुनाव लड़ना भी एक वजह हो सकता है.

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उन्होंने कहा कि विपक्षी पार्टियां एकजुट होकर चुनाव लड़ीं, उनका गठबंधन था इससे उनको फायदा मिला. मुंडा ने यह भी जोड़ा कि हार के कई कारण हो सकते हैं. इसकी समीक्षा की जाएगी. कुछ ऐसे विषय हो सकते हैं, जिन्हें हम ठीक से समझ नहीं पाए.  इस पर मंथन करने की आवश्यकता है. उन्होंने जनादेश को स्वीकार करते हुए कहा कि हमें अपेक्षा के अनुरूप जनता का समर्थन नहीं मिला. जनता का जो आदेश है, वह हमें मान्य है.

अपने को जोड़ने में कामयाब रहा विपक्ष

पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि कई चीजें परस्पर विरोधी होने के बावजूद भी विपक्ष अपने को जोड़ने में कामयाब रहा. दूसरा यह कि हमारे जो सहयोगी थे, वह अकेले लड़े. गठबंधन टूटने को लेकर अपनी पार्टी का बचाव करते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा की हमेशा ही यह कोशिश रही है कि वह सहयोगी दल के साथ मिलकर चले. हम चले भी. केंद्र में बहुमत की सरकार होने के बावजूद हमारे सहयोगी साथ हैं. मुंडा ने कहा कि जब हार की समीक्षा की जाएगी, तब इन बातों पर विस्तार से चर्चा की जाएगी.

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जो बीत गई सो बात गई

आदिवासी समुदाय के बड़े चेहरे मुंडा से जब पार्टी को मिली हार के लिए मुख्यमंत्री पद पर आदिवासी चेहरा न होने के संबंध में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि यह सारी बातें करने से अब कोई लाभ नहीं है. जो बीत गई सो बात गई. आगे क्या करना है, इस पर चर्चा करनी है. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के चुनाव के अपने चरित्र होते हैं, लेकिन आदिवासियों से जुड़ी समस्याएं दूर करने की जो जिम्मेदारी मोदी सरकार में हमें सौंपी गई है, उसे करने में हम जुटे हुए हैं. मोदी सरकार को आदिवासियों की चिंता है.

सीख लेकर बढ़ेंगे आगे

पूर्व मुख्यमंत्री मुंडा ने एकजुटता की कमी के सवाल पर कहा कि यह सारे आकलन करना मीडिया का काम है. हम जब बैठेंगे तब पार्टी फोरम में इस बात पर चर्चा करेंगे. उन्होंने कहा कि इस नतीजे की समीक्षा के बाद सीख लेकर आगे बढ़ेंगे. सीख क्या लेनी है, यह समीक्षा के बाद पता चलेगा. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि हम घर की बातें घर में ही रखेंगे. बता दें कि एक दिन पहले आए झारखंड विधानसभा चुनाव के नतीजों में भाजपा महज 25 सीटों पर सिमट गई, वहीं विपक्षी झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल के गठबंधन ने 47 सीटों के साथ पूर्ण बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया.

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