भगवान राम के भक्त ने 18 हजार स्क्वायर फीट में बनाई रंगोली, विश्व रिकॉर्ड बनाने की तैयारी

भगवान श्रीराम के भक्त ने दुनिया की सबसे बड़ी रंगोली बनाई है. इसकी लंबाई 165 फीट है. इसमें 10 रंगों के साथ करीब तीन टन रंगोली का उपयोग किया गया है. रंगोली बनाने वाले विवेक मिश्रा अपना नाम world book of record में दर्ज कराना चाहते हैं. करीब 18000 वर्ग फीट में उन्होंने रंगोली बनाई है.

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भगवान राम की रंगोली. भगवान राम की रंगोली.

अनूप सिन्हा

  • जमशेदपुर,
  • 21 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 10:04 AM IST

झारखंड के जमशेदपुर में गोलमुरी में बिड़ला मंदिर श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर परिसर में 18000 वर्गफीट में भगवान श्रीराम के नाम की रंगोली बनाई गई है. रंगोली कलाकर विवेक मिश्रा श्रीराम की भव्य व आकर्षक रंगोली बना रहे हैं. इसे वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज कराने के लिए आवेदन दिया गया, विवेक को इसमें सफलता भी मिली है.

विवेक मिश्रा ने बताया कि श्रीराम की रंगोली बनाने में तीन टन रंगोली का उपयोग होगा. इसमें दस से ज्यादा रंगों का उपयोग किया गया है. यह कार्य पांच जनवरी से शुरू किया था. इस रंगोली को बनाने के लिए प्रतिदिन दस घंटे समय लगा रहा हं. हमारा उद्देश्य गिनीज बुक में नाम दर्ज कराने का है.

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क्या बोले रंगोली कलाकार विवेक मिश्रा?

रंगोली कलाकार विवेक मिश्रा ने बताया कि रंगोली बनाने की ट्रेनिंग नहीं ली. पहले दीपावली पर राम मंदिर में इस प्रकार की रंगोली बनाई थी. जमशेदपुर (पूर्वी) के विधायक सरयू राय उनका सहयोग कर रहे हैं. इससे पहले 14 हजार वर्ग फीट की सबसे बड़ी रंगोली का रिकॉर्ड इंदौर की शिखा शर्मा के नाम दर्ज है.

कल अयोध्या में होगा प्राण प्रतिष्ठा समारोह

कल 22 जनवरी को अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम होना है. रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले सप्ताहभर का अनुष्ठान चल रहा है, जिसकी शुरुआत 16 जनवरी से हुई थी. कल 20 जनवरी को शर्कराधिवास, फलाधिवास, पुष्पाधिवास का अनुष्ठान किए गए. इसमें भगवान को पुष्प, फल और शकर चढ़ाया जाएगा और वैदिक मंत्रोचारण के साथ उनका आह्वान किया जाएगा.

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कल के अनुष्ठान में नख से शिख तक शक्ति का संचार करने के लिए मंत्रोच्चारण होगा. इसके बाद श्री विग्रह का महाअभिषेक किया जाएगा. आखिरी में 22 जनवरी की दोपहर 12 बजकर 20 मिनट पर प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान शुरू होगा, जिसमें सोने की सिलासा से भगवान के नयन खोले जाएंगे. इसके साथ ही सप्ताहभर का अनुष्ठान समाप्त हो जाएगा.

 

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