मेरे पिता हिंदू-मुसलमान में भेदभाव नहीं करते थे, विकास पर दिया जोर: राकेश पंडिता के बेटे

राकेश पंडिता के बेटे पारस ने आजतक से खास बातचीत की. वे भावुक थे, रो रहे थे लेकिन अपने पिता के विजन के बारे में पूरे देश को बता रहे थे.

Advertisement
राकेश पंडिता की हत्या से टूटा परिवार राकेश पंडिता की हत्या से टूटा परिवार

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 03 जून 2021,
  • अपडेटेड 8:59 PM IST
  • राकेश पंडिता की हत्या की NIA से जांच की मांग
  • बेटे ने बताया- पिता का कश्मीर के लिए विजन

बुधवार रात को दक्षिण कश्मीर में एक दिल दहला देने वाली वारदात हुई. बीजेपी कांउसलर राकेश पंडिता की आतंकियों ने गोली मारकर हत्या कर दी. उन्हें निजी अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती करवाया गया, लेकिन उन्हें नहीं बचाया जा सका. उनकी मौत के बाद घाटी में फिर कश्मीरी पंडितों का मुद्दा गरमा गया है. 

राकेश पंडिता के बेटे ने क्या कहा?

Advertisement

पिता की मौत के बाद राकेश पंडिता के बेटे पारस ने आजतक से खास बातचीत की. वे भावुक थे, रो रहे थे लेकिन अपने पिता के विजन के बारे में पूरे देश को बता रहे थे. पारस ने बताया था कि उनके पिता त्राल का विकास चाहते थे. उनका सिर्फ यही सपना था कि बिना किसी भेदभाव के त्राल का विकास हो, हर किसी को जरूरी सेवा मिले.

पारस ने कहा है कि मेरे पिता कभी भी हिंदू-मुसलमान नहीं करते थे. उन्होंने कभी भी किसी में भेदभाव नहीं किया. वो सभी को विकास से जोड़ना चाहते थे. वे बताते थे कि वे त्राल के लिए भी काफी कुछ करना चाहते हैं. इसी वजह से उन्होंने चुनाव भी लड़ा था. 

NIA जांच की उठी मांग

अब लंबे समय बाद राकेश पंडिता ने घाटी में अपनी वापसी तो की, उन्होंने चुनाव भी जीत लिया, लेकिन गोलियों के आगे हार गए. वे बुधवार रात को बिना सुरक्षा के अपने दोस्त से मिलने त्राल गए थे. लेकिन वहां पर कुछ आतंकियों ने उन पर हमला कर दिया और गोलियां चला दीं. घटना के दौरान एक महिला भी जख्मी हो गईं.

Advertisement

इस बारे में राकेश के बेटे ने बताया है कि पिता को किसी तरह की धमकी मिली थी या नहीं, इसकी उन्हें कोई जानकारी नहीं है. लेकिन उनकी तरफ से अपील की गई है कि इस पूरी घटना की NIA द्वारा जांच होनी चाहिए. उन्होंने जोर देकर कहा है कि अब गोलियां का ये खेल बंद होना चाहिए.

राकेश घर के अकेले कमाने वाले

अपने पिता को याद करते हुए पारस ने यहां तक कहा है कि घटना से पहले उनकी अपने पिता से बात हुई थी. ज्यादा कुछ तो नहीं कहा, लेकिन सभी अपना ख्याल रखें, ये संदेश जरूर दिया. पारस की मानें तो जिस अंदाज में उनके पिता ये सब कह रहे थे, उससे ऐसा अहसास हो रहा था कि उन्हें अपने साथ होने वाली घटना का अंदेशा था.

पारस ने बताया कि घर में अकेले उनके पिता ही कमाने वाले थे और उन्हीं के खर्चे से घर चलता था. लेकिन अब उनका परिवार टूट गया है और सहारा देने वाला कोई नहीं.

बता दें कि राकेश पंडिता को त्राल में म्युनिसिपल क़ॉरपोरेशन का चेयरमैन भी नियुक्त किया गया था. वे एक राष्ट्रवादी नेता थे और हमेशा ही विकास की ओर अपनी राजनीति को केंद्रित रखते थे.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement